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ईंट के दाम में एक हजार रुपये की बढ़ोतरी

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धमतरी- बेमौसम बारिश का विपरीत असर सिर्फ दलहन-तिलहन फसल पर ही नहीं बल्कि ईंट व्यवसाय पर भी पड़ा है। शुरुआती दौर में बारिश होने से ईंट ठेकेदारों को भारी नुकसान हुआ है। नुकसान की भरपाई के लिए ठेकेदारों ने ईंट के दाम में बढ़ोत्तरी कर दिया है। प्रति हजार ईंट के दाम में एक हजार रुपये की वृद्धि होने से मकान बनाने वाले लोगों की बजट गड़बड़ा गया है।

जनवरी माह के प्रथम व द्वितीय सप्ताह में खराब मौसम और बेमौसम बारिश का सिलसिला शुरू हुआ। करीब पखवाड़ेभर तक मौसम में उतार-चढ़ाव बना रहा। रूक-रूककर हुई बारिश ने किसानों के दलहन-तिलहन फसल, समर्थन मूल्य में धान खरीदी, मिंजाई प्रभावित होने के साथ ईंट भट्ठे भी बुरी तरह से प्रभावित हुए हैं। इसका विपरीत परिणाम ईंटों के बढ़े हुए दाम के रूप में देखने को मिल रहा है। बेमौसम बारिश से पहले ईंट प्रति हजार तीन हजार रुपये चल रहा था। एक ट्रॉली ईंट यानी 2000 नग छह हजार रुपये में जिला मुख्यालय धमतरी पहुंचाकर ईंट ठेकेदार दे रहे थे। ईंट व्यवसाय के शुरुआती सीजन में हुई तेज बारिश ने कच्चे ईंट को खराब कर दिया है। हजारों की संख्या में कच्चे ईंटों के खराब होने से ठेकेदारों को भारी नुकसान हुआ है। ईंट ठेकेदार मंगलूराम, गिरधारी लाल, भेष देवांगन ने बताया कि बेमौसम बारिश से हुए नुकसान की भरपाई के लिए ईंट के दाम सभी ठेकेदारों ने बढ़ा दिया है। प्रति हजार ईंट में एक हजार रुपये की बढ़ोत्तरी हुई है। दाम बढ़ाए जाने के बाद ही वे नुकसान की भरपाई कर पाएंगे। प्रति ट्राली ईंट अब छह हजार की बजाए आठ हजार रुपये हो गया है। ईंट के दाम में अचानक बढ़ोत्तरी होने से शहर व ग्रामीण अंचल में मकान बना रहे लोगों की बजट गड़बड़ा गई है। मकान बना रहे तामेश कुमार, मदन लाल, नेमलाल ढीमर आदि ने बताया कि ईंट के दाम बढ़ने से अब मकान बनाने में होने वाला खर्च भी बढ़ जाएगा। मकान बनाने में औसतन 20 से 25 हजार अतिरिक्त बजट बढ़ने की आशंका है।