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छत्तीसगढ़ : ‘किसकी बनेगी सरकार?

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देश के पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों का अंतिम चरण आज है, जिसमें तेलंगाना की 119 सीटों पर मतदान होगा. इसके अलावा मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान और मिजोरम में मतदान हो चुका है.

वहीं आज तेलंगाना में मतदान के तत्काल बाद पांचो राज्यों के एग्जिट पोल सामने आ जाएंगे. छत्तीसगढ़ की बात करें तो एग्जिट पोल से एक अंदाजा मिल जाएगा कि यहां चुनाव परिणाम क्या हो सकते हैं? हालांकि चुनाव की तरफ से नतीजे मतगणना वाले दिन यानी 3 दिसंबर को जारी किए जाएंगे.

छत्तीसगढ़ में दो चरणों में वोट डाले गए. पहले चरण की वोटिंग 7 नवंबर को 20 सीटों पर हुई थी. इस दौरान, 78 प्रतिशत वोटिंग हुई थी. वहीं दूसरे चरण की वोटिंग 17 नवंबर को हुई थी. नक्सल प्रभावित इस राज्य में 69.78 फीसदी वोट पड़े थे. फिलहाल अब कांग्रेस के मुख्यमंत्री भूपेश सिंह बघेल और बीजेपी की किस्मत का फैसला 3 दिसंबर को होगा.

बीजेपी-कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर

राज्य में इस बार बीजेपी-कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर बताई जा रही है. हालांकि वोटिंग से पहले की सर्वे रिपोर्ट में कांग्रेस को बीजेपी से आगे दिखाया गया था. वहीं अब आज शाम आने वाले एग्जिट पोल से लोगों को छत्तीसगढ़ की सत्ता का संकेत मिलेगा. इससे यह साफ हो जाएगा कि राज्य में किस पार्टी की सरकार बनने वाली है. हालांकि यह फाइनल नतीजा नहीं होता है लेकिन काफी बार एग्जिट पोल्स के आंकड़े लगभग सटीक होते हैं.

कुल मतदाताओं की संख्या

छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के पहले चरण में कुल 40,78,681 मतदाता थे, जिसमें से 74 प्रतिशत ने वोट डाला था. वहीं दूसरे चरण के चुनाव में कुल 81 लाख 41 हजार 624 पुरुष मतदाता, 81 लाख 72 हजार 171 महिला मतदाता और 684 थर्ड जेंडर वोटर्स शामिल हैं.

छत्तीसगढ़ की वीआईपी सीटें

  • मुख्यमंत्री भूपेश बघेल – पाटन
  • मोहम्मद अकबर – कवर्धा सीट
  • पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह – राजनांदगांव
  • मोहन मरकाम – कोंडागांव
  • कवासी लखमा – कोंटा
  • रेणुका सिंह – भरतपुर सोनहत
  • टीएस सिंहदेव – अंबिकापुर
  • अरुण साव – लोरमी सीट
  • डॉ. रेणु जोगी – कोटा
  • डॉ. चरणदास महंत – सक्ती विधानसभा सीट

2018 चुनाव के नतीजे

2018 के चुनावों में कांग्रेस ने राज्य की 90 विधानसभा सीटों में से 68 पर शानदार जीत दर्ज की थी. भाजपा पिछले चुनाव में 15 सीटों पर सिमट गई थी जबकि जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) को 5 और बसपा को 2 विधायकों से ही संतुष्ट रहना पड़ा था.