छत्तीसगढ के जशपुर जिले के तपकरा वन परिक्षेत्र के सागजोर के जंगल में हाथी द्वारा एक ग्रामीण को कुचलकर मार देने के घटना के बाद दो राज्यों की सीमा विवाद के चलते ग्रामीण का शव 18 घंटे तक मौके पर ही पडा रहा. हालांकि बाद में समझौते के बाद शव उठाया गया. जिले के तपकरा वन परिक्षेत्र अन्तर्गत सागजोर जंगल में जंगली हाथी के कुचले जाने से मृत ग्रामीण का शव दो राज्य के वन अधिकारियों की सरकारी प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाने के अभाव में 18 घंटे तक मौके पर ही पड़ा रहा.
घटना स्थल के समीप पड़ोसी राज्य उड़ीसा की सीमा के विवाद के चलते दोनो राज्य के वन अधिकारियों के बीच पत्र व्यवहार का काम पूरा नहीं हो पाने से मृतक के परिजनों को शव का पंचनामा के लिए लम्बा इंतजार करना पड़ा.जशपुर वन मंडल अधिकारी पंकज राजपूत ने आज बताया कि तपकरा वन परिक्षेत्र अन्तर्गत ग्राम सागजोर जंगल में जंगली हाथी के हमले से उड़ीसा राज्य के सुन्दरगढ़ जिले का निवासी सन्तोष कुमार की मौत हो गई थी.
इस मामले में उड़ीसा राज्य के वन अधिकारियों को सूचना दे दी गई थी, लेकिन मृतक के परिजनों को मुआवजा देने की बात स्पष्ट नहीं हो पाने से इस कार्रवाई में विलंब हो गया. उन्होंने बताया कि इस मामले में पुलिस की जांच में जंगली हाथियों के दल ने छत्तीसगढ़ राज्य की सरहद के भीतर हमला करने की पुष्टि की गई है. इसके बाद मृतक के परिजनों के लिए जशपुर वन मंडल से क्षतिपूर्ति मुआवजा का प्रकरण बनाया जा रहा है.