छत्तीसगढ़ के लाल आतंक वाले बस्तर में तीन दशकों से पनपे नक्सलवाद को खत्म करने और लोगों में जनजागृति लाने के लिए बस्तर पुलिस इन दिनों कीचड़ भरा सफर कर रही है. कीचड़ भरे इस सफर में सुरक्षा जवानों के साथ उनके कमांडर इन चीफ यानी आईजी से लेकर डीआईजी और एसपी तक सफर कर रहे हैं. छत्तीसगढ़ के बीहड़ इलाके बस्तर में पुलिस एक विशेष तरह का अभियान चला रही है. ताकी लोगों के बीच पुलिस के लिए विश्वास कायम हो सके.
बस्तर संभाग मुख्यालय जगदलपुर से करीब 50 किलोमीटर दूर कोलेंग में पहुंचने के लिए इसी तरह का सफर तय करना पड़ता है. बारिश के समय दो पहिया वाहन तो दूर लोगों का पैदल चलना भी मुश्किल हो जाता है. ऐसे इलाके में बस्तर रेंज के आईजी अपनी बदूंक कंधे पर लटकाए जवानों के साथ कोलेंग के दौरे पर निकले हुए हैं. ऐसे इलाके में विकास के पहिए को गति देने के लिए बस्तर पुलिस की पहल और बस्तर पुलिस का ये जज्बा वाकई सैल्यूट के लायक है.
दरअसल, इस इलाके के लोगों ने कुछ साल पहले माओवादियों से छुटकारा पाने के लिए पुलिस से चौकी खोलने की मांग की थी. पुलिस चौकी खोले जाने के साथ ही सीआरपीएफ कैंप की भी इस जगह पर स्थापना कर दी गई है, लेकिन अब जरूरत है यहां के विकास की और ये तभी संभव हो सकेगा जब लोगों का आत्मविश्वास जागे. बस इसी आत्मविश्वास को जगाने के लिए पुलिस के आला अधिकारियों ने ये कीचड़ भरा सफर तय किया है.
बता दें कि पुलिस के आला अधिकारी 6 घंटे 15 मिनट का कठिन सफर तय कर ग्रामीणों के बीच पहुंचे. इस दौरान पुलिस को देख ग्रामीणों के चेहरे पर आई मुस्कान देखते ही बन रही थी. ग्रामीणों का कहना है कि वो भी अपने भविष्य को संवारना चाहते हैं.इधर, पुलिस ने भी ग्रामीणों के वादों को पूरा किया और उन तक पहुंचने का ये सफर पुलिस के अधिकारियों ने पूरा किया. इस सफर को पूरा करने के बाद माना यही जा रहा है कि जब तक कठिनाइयों को करीब से नहीं देखा जाता है. तब तक किसी के दर्द को महसूस नहीं किया जा सकता.