” छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में ग्रामीण संपर्क सुदृढ़ करने के लिए केंद्र सरकार ने 195 करोड़ रूपए की राशि मंजूर की है।”
अधिकारियों ने बताया कि छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित दुर्गम और वनवासी अंचलों में ग्रामीण संपर्क और आधारभूत संरचना को सशक्त बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए भारत सरकार ने सड़क संपर्क परियोजना आरसीपीएलडब्ल्यूईए (रोड कनेक्टिविटी प्रोजेक्ट फॉर लेफ्ट विंग एक्सट्रीम अफेक्टेड एरिया) के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2025–26 के लिए छत्तीसगढ़ को 195 करोड़ रुपए की केंद्रीय सहायता राशि स्वीकृत की है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इस महत्वपूर्ण स्वीकृति के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह स्वीकृति छत्तीसगढ़ के उन सुदूर अंचलों में विकास का नया प्रकाश लेकर आएगी, जो दशकों से नक्सल हिंसा और भौगोलिक दुर्गमता से जूझते रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह राशि वहां के लोगों के लिए विकास, विश्वास और स्थायी शांति की सशक्त आधारशिला सिद्ध होगी।
उन्होंने कहा, ‘‘हमारी सरकार इस निधि का उपयोग पूर्ण पारदर्शिता और गुणवत्ता के साथ करेगी।’’
”अधिकारियों ने बताया कि यह स्वीकृति वित्त मंत्रालय की ‘जस्ट-इन-टाइम’ फंड रिलीज़ प्रणाली के अंतर्गत सिंगल नोडल एजेंसी स्पर्श मॉडल के माध्यम से दी गई है।”
”उन्होंने बताया कि कुल 195 करोड़ रूपए में से 190.6125 करोड़ रूपए कार्यक्रम निधि और 4.3875 करोड़ रूपए प्रशासनिक निधि के रूप में स्वीकृत किए गए हैं, जो भारतीय रिज़र्व बैंक के माध्यम से राज्य को प्राप्त होंगे।”
अधिकारियों ने बताया कि यह निधि विशेष रूप से छत्तीसगढ़ के वामपंथी उग्रवाद प्रभावित जिलों—दंतेवाड़ा, बीजापुर, सुकमा, नारायणपुर, कांकेर, बस्तर, राजनांदगांव, बलरामपुर, कोंडागांव और जशपुर—के सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में नवीन ऑल-वेदर सड़कों, मौजूदा मार्गों के सुदृढ़ीकरण, सेतु निर्माण और क्रॉस-ड्रेनेज संरचनाओं के विकास के लिए दी गई है। उन्होंने बताया कि इन संरचनाओं के माध्यम से बस्तियों को ब्लॉक और जिला मुख्यालयों, बाजारों, विद्यालयों और स्वास्थ्य केंद्रों से जोड़ा जाएगा, जिससे शासन की पहुंच और सामाजिक-आर्थिक गतिविधियों में उल्लेखनीय सुधार होगा। विशेषकर बाढ़ग्रस्त और वर्षा ऋतु में अवरुद्ध हो जाने वाले क्षेत्रों में यह संपर्क संरचना जीवनरेखा का कार्य करेगी।
”अधिकारियों ने बताया कि 4.3875 करोड़ रूपए की प्रशासनिक निधि का उपयोग निगरानी और मूल्यांकन, तकनीकी सहायता, क्षमता निर्माण और डेटा प्रबंधन के लिए किया जाएगा।’
”उन्होंने बताया कि ग्रामीण विकास मंत्रालय ने राज्य सरकार से अनुरोध किया है कि निधियों का उपयोग योजना दिशा-निर्देशों के अनुसार त्वरित और प्रभावी रूप से सुनिश्चित किया जाए।”
अधिकारियों ने बताया कि यह निर्णय न केवल छत्तीसगढ़ के दुर्गम अंचलों में संपर्क सुविधाओं के विस्तार को बल देगा, बल्कि सामाजिक समरसता, सुशासन, सेवा-सुलभता और स्थायी शांति की दिशा में एक निर्णायक कदम सिद्ध होगा।