रामनाथ कोविंद से पहले डॉ.राजेंद्र प्रसाद, प्रतिभा पाटिल और एपीजे अब्दुल कलाम बतौर राष्ट्रपति बस्तर आ चुके हैं. हालांकि रामनाथ कोविंद देश के पहले राष्ट्रपति होंगे जो बस्तर में रात्रि विश्राम करेंगे. बतौर राष्ट्रपति अपने पहले बस्तर प्रवास के दौरान कोविंद वहां चौबीस घंटे से अधिक समय तक रुकेंगे. इस दौरान वे बस्तर के उन स्थानों का दौरा करेंगे, जिसकी तस्वीर और हकीकत जानने के बाद बस्तर के प्रति लोगों की सोच बदल जाएगी.
जगदलपुर एयरपोर्ट परिसर में लगा बोर्ड.
प्राकृतिक सौंदर्यता और अपार संभानाओं से परिर्पूण बस्तर की तस्वीर विश्व पटल पर बीते दो दशकों में नक्सल हिंसा के रूप में ही उभरी है.
जानकारों की मानें तो प्रदेश सरकार राष्ट्रीय व विश्व पटल पर बस्तर की इसी तस्वीर को बदलना चाहती है. इसके तहत ही राष्ट्रपति का दो दिवसीय बस्तर प्रवास कराकर सरकार ये संदेश देना चाहेगी कि बस्तर आम लोगों के लिए अब सुरक्षित है. इसके साथ ही यहां की प्राकृतिक सौंदर्यता अपने आप में एक अलग पहचान रखती है.जानिए, कहां कहां जाएंगे राष्ट्रपति कोविंद
चित्रकोट जलप्रपात : जगदलपुर से 39 किमी दूर स्थित इस जलप्रपात को भारत का नियाग्रा कहा जाता है. इंद्रावती नदी पर स्थित चित्रकोट जलप्रपात 90 फीट की ऊंचाई से तेज गर्जना के साथ गिरता है.
जावंगा एजुकेशन सिटी: यह सर्वाधिक नक्सल प्रभावित जिलों में शामिल दंतेवाड़ा जिले में है. 170 एकड़ में बने इस शिक्षा केंद्र में प्राथमिक से लेकर उच्च और तकनीकी शिक्षा की सर्व सुविधायुक्त व्यवस्था है. इसके अलावा वे दंतेश्वरी मंदिर में दर्शन और आस पास के शासकीय विकास कार्यों का जायजा भी लेंगे.