13 साल माओवादियों के बीच रहकर 20 अगस्त 2016 को सरेंडर करने वाली एरिया कमांडर लक्ष्मी उर्फ श्यामबती उसेंडी का मानना है कि गरीबी और लड़कियों का बाल विवाह माओवाद के बढ़ने की असली वजह है. उसेंडी के मुताबिक, ज्यादातर युवा गरीबी के कारण और लड़कियां बाल विवाह से बचने के लिए माओवादियों के साथ जुड़ रही है.
श्यामबती उसेंडी का कहना है, ‘जंगल इलाके में रोजगार के साधन उपलब्ध नहीं होने के कारण गरीबी बहुत ज्यादा है. साथ ही लोग अशिक्षा के आलावा रूढ़िवादी विचारधारा से ग्रस्ति है. मैं कम उम्र में शादी से बचने के लिए माओवादियों से जुड़ी. कैंप में जितनी भी लड़कियां रहती थी, उनमें से ज्यादातर लड़कियां बाल विवाह से बचने के लिए घर छोड़कर माओवादियों से जुड़ी थीं. लेकिन वहां जिंदगी ज्यादा नरक थी. सरकार की बहुत कम योजनाएं ही नक्सल प्रभावित इलाकों तक पहुंच पाती है. इसका फायदा माओवादी ग्रामीणों को बरगला कर उठाते है’.
माओवाद छोड़कर मुख्यधारा से जुड़ने वाले युवाओं के लिए लक्ष्मी प्रेरणास्त्रोत बन सकती है. लक्ष्मी अब अपने पति शरादू उर्फ संजय के साथ सुखी परिवारिक जीवन बिता रही हैं. शरादू भी 8 साल माओवादियों के संपर्क में रहा. दोनों का प्यार माओवादियों के कैंप में ही परवान चढ़ा और वहीं दोनों ने शादी की थी. शादी के बाद दोनों ने एक साथ सरेंडर कर दिया और अब सुखी जीवन बीता रहे है. लक्ष्मी ने बताया कि समाज में कोई उनसे किसी भी प्रकार का भेदभाव नहीं करता. सरकार भी उनकी जिंदगी को पटरी पर लाने के लिए भरपूर सहयोग कर रही है.