जम्मू एयरबेस पर ड्रोन हमले के बाद राज्य के अहम प्रतिष्ठानों को ड्रोन हमले से सुर-ड्रोन सिस्टम लगा दिया गया। वहीं अन्य सभी अहम प्रतिष्ठानों को दो महीने के भीतर एंटी-ड्रोन सिस्टम से सुरक्षित करने का फैसला लिया गया है। मामले से जुड़ी सुरक्षा एजेंसी के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार जम्मू एयरबेस पर एंटी-ड्रोन सिस्टम नेशनल सिक्यूरिटी गार्ड (NSG) की मदद से लगाया गया है। माना जा रहा है कि यह सिस्टम एनएसजी ने इजराइल से हासिल किया है और नेशनल टेक्निकल रिसर्च आर्गनाइजेशन (NTRO) ने इसका परीक्षण भी किया है।
ड्रोन हमले के बाद सुरक्षा हालात और आतंकी संगठनों की नई रणनीति से उपजे खतरे निपटने की तैयारियों की समीक्षा के बाद जम्मू-कश्मीर के सभी अहम प्रतिष्ठानों को दो महीने के भीतर एंटी-ड्रोन सिस्टम से लैस करने का फैसला लिया गया। एजेंसियों को इसे समय पर पूरा करने के सख्त निर्देश दिए गए हैं।
वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार अहम प्रतिष्ठानों के साथ-साथ पाकिस्तान से लगी सीमा पर कुछ संवेदनशील स्थानों पर एंटी-ड्रोन सिस्टम लगाने का फैसला किया गया है। उनके अनुसार सीमा पर चौकसी और सुरंगों को नष्ट करने के बाद आतंकियों को हथियार और पैसे सप्लाई करने का काम ड्रोन के सहारे किया जा रहा है। पिछले दो सालों में ड्रोन से हथियार गिराए जाने के कई मामले पकड़े जा चुके हैं।
उन्होंने कहा कि ड्रोन से हथियारों की सप्लाई के पैटर्न के अध्ययन से साफ हुआ है कि सीमा पर कुछ खास क्षेत्र हैं, जहां ड्रोन से हथियार गिराए जा रहे हैं। इन क्षेत्रों में अब एंटी-ड्रोन सिस्टम लगाया जाएगा ताकि सीमा पार से आने वाले हर ड्रोन की पहचान कर उन्हें नष्ट किया जा सके।