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छत्तीसगढ़ के बस्तर में सक्रियता से ठिठके नक्सलियों ने सीमा पर नया रेड कॉरीडोर बनाना शुरू कर दिया है

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छत्तीसगढ़ के बस्तर में सुरक्षा बलों की सक्रियता से ठिठके नक्सलियों ने तीन राज्यों की सीमा पर नया रेड कॉरीडोर बनाना शुरू कर दिया है। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के गृह जिले कवर्धा (कबीरधाम) को नक्सलियों ने अपने जोनल मुख्यालय के रूप में विकसित करने के संकेत दिए हैं। इस खुफिया इनपुट ने सुरक्षा बलों के माथे पर बल डाल दिया है।

स्पेशल इंटेलिजेंस ब्यूरो (एसआईबी) से जुड़े सूत्रों के अनुसार नक्सली करीब पांच साल से कवर्धा में पैठ जमाने की कोशिश कर रहे हैं। पिछले कुछ समय में मंडला व बालाघाट (मध्यप्रदेश) की सीमा से लगे वनांचल क्षेत्रों में नक्सली स्थानीय लोगों की बैठकें भी ले चुके हैं। करीब सालभर से नक्सलियों की दो विस्तार कंपनी सक्रिय हो गई है, जो लोगों को अपने संगठन में शामिल करने की कोशिश कर रही है।

नक्सल विचारधारा से प्रभावित आदिवासी लड़ाकों की भर्ती भी की जा रही है। दरअसल सुरक्षाबलों के दावे को मानें तो बस्तर में लाल आतंक प्रभावित बड़ा हिस्सा नक्सलियों से मुक्त करा लिया गया है। फोर्स अब नक्सलियों की राजधानी कहे जाने वाले अबूझमाड़ के जंगल में घुसने की तैयारी कर रही है। बस्तर में फोर्स के बढ़ते इसी दबाव के कारण नक्सली अब नए क्षेत्रों में घुसपैठ कर रहे हैं।

कवर्धा में मारा गया नक्सली

बीते 31 मई को कवर्धा के तरेगांव में फोर्स ने मुठभेड़ में एक नक्सली को मार गिराने का दावा किया है। हालांकि अब तक उसकी पहचान नहीं हो पाई है, लेकिन पुलिस अफसरों का कहना है कि यह नक्सलियों की विस्तार कंपनी का सदस्य है।

हालिया मुठभेड़ ने खोली पोल

पखवाड़े भीतर ही कवर्धा जिले में मुठभेड़ में एक नक्सली मार गिराया गया। इसके तीन साल पहले भी इसी क्षेत्र में विस्फोटक साम्रगी बरामद की गई थी। पुलिस ने अब इस क्षेत्र में चौकसी बढ़ा दी है। मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र पुलिस के साथ ज्वाइंट ऑपरेशन की भी रणनीति बनाई जा रही है। सूत्रों के अनुसार हाल ही में हुई तीनों राज्यों के आईजी स्तर के अफसरों की बैठक में इस पर चर्चा हुई है।

इसलिए चुना कवर्धा

कर्वा जिले का पूरा दक्षिणी हिस्सा मध्यप्रदेश के बलाघाट व मंडला जैसे नक्सल प्रभावित जिलों से लगा है। यह जंगली इलाका है। पुलिस सूत्रों के अनुसार जंगल के रास्ते बालाघाट से होकर महाराष्ट्र के गोंदिया व गढ़चिरौली तक आसानी से पहुंचा जा सकता है। गढ़चिरौली की सीमा राजनांदगांव के साथ ही बस्तर संभाग के कांकेर से भी मिलती है।

इनका कहना है

कवर्धा जिले में नक्सलियों के सक्रिय होने की खुफिया सूचना पुलिस के पास है। इनपुट के आधार पर ऑपरेशन भी चलाए जा रहे हैं। तरेगांव की मुठभेड़ इसी का नतीजा रहा। नक्सलियों के पैर जमाने की हर कोशिश नाकाम कर दी जाएगी।

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