झारखंड विधानसभा बजट सत्र के दौरान शुक्रवार को सदन में सत्ता पक्ष और विपक्ष ने जोरदार हंगामा किया। हंगामे के चलते सदन की कार्यवाही को स्पीकर रवींद्रनाथ महतो ने दो बार पहले 12 बजे और फिर दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दिया। दरअसल, भाजपा के विधायक सीपी सिंह ने सदन में राहुल गांधी को पप्पू कहा जिसके बाद सत्ता पक्ष के विधायक भड़क गए। वे वेल में पहुंच गए और हंगामा करने लगे।
इसके बाद विपक्ष के भी विधायक वेल में पहुंचे। बताया जाता है कि हाथापाई तक की नौबत आ गई लेकिन संसदीय कार्यमंत्री आलमगीर आलम और कांग्रेस में शामिल हुए विधायक प्रदीप यादव ने बीच-बचाव किया।
दरअसल, सदन की कार्यवाही शुरू होने के बाद जामताड़ा से कांग्रेस विधायक इरफान अंसारी ने पूर्व जस्टिस रंजन गोगोई को राज्यसभा सांसद मनोनीत किए जाने के फैसले का विरोध किया। इसपर स्पीकर ने कहा कि ये यहां का मामला नहीं है, सदन में इसपर चर्चा नहीं होनी चाहिए। इसके बाद सीपी सिंह अपने स्थान पर खड़े हुए और स्पीकर से कहा कि जरुरी बात बताना है। फिर उन्होंने राहुल गांधी को पप्पू कहकर संबोधित किया।
इसके बाद सत्ता और विपक्ष के विधायक वेल में पहुंच गए और हंगामा करने लगे। सत्ता पक्ष के विधायकों ने सीपी सिंह से माफी मांगने की मांग की। इसपर सीपी सिंह ने कहा कि अगर सत्ता पक्ष को किसी बात पर तकलीफ है तो वे अधीवक्ता की राय लें। वहीं विधायक प्रदीप यादव ने कहा कि इस इस विषय पर निंदा प्रस्ताव लाया जाए जिसका जेएमएम के विधायकों ने समर्थन किया। उधर, स्पीकर रवींद्रनाथ महतो ने दोनों पक्षों की बातों को स्पंज करा दिया और कहा कि षड्यंत्र के तहत सदन की कार्यवाही को बार-बार बाधित करना उचित नहीं है।
इससे पहले भाजपा विधायक भानु प्रताप शाही ने बोकारो के कसमार में भूखल घासी नाम के युवक की भुखमरी से मौत का मामला सदन में उठाया। उन्होंने विधानसभा की कमिटी से जांच कराने की मांग की और दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। इस मामले में सरकार की ओर से जवाब देते हुए संसदीय कार्य मंत्री ने जांच के बाद कार्रवाई का भरोसा दिया।