बिजलीकर्मियों को इस वर्ष बोनस के लिए इंतजार नहीं करना पड़ा। प्रबंधन ने दुर्गा पूजा शुरू होते ही बोनस देने का आदेश जारी कर दिया। अधिकतम सात हजार रुपये प्रत्येक कर्मचारी को दिया जाएगा।
जिले में स्थित रेलवे, बाल्को व एसईसीएल का बोनस निर्धारण पहले ही हो चुका है। वहीं विद्युत कंपनी प्रबंधन ने शनिवार को एकाएक आदेश जारी कर अपने कर्मियों को चौंका दिया। पिछले वर्ष की तरह इस बार कंपनी ने बोनस की घोषणा दुर्गा पूजा के पहले कर दी। बोर्ड ऑफ डायरेक्टर की बैठक में बोनस पर निर्णय लेने के साथ महाप्रबंधक मानव संसाधन होल्डिंग कंपनी ने सर्कुलर जारी किया। नवरात्र पर्व के साथ ही दुर्गा पूजा शुरू हो गई है। बिजलीकर्मियों को अब तक दीपावली के अवसर पर बोनस देने का प्रावधान बना हुआ था। महाप्रबंधक मानव संसाधन की ओर से जारी सर्कुलर में कहा गया है कि वित्तीय वर्ष 2018-19 के लिए पावर कंपनी ने मूल वेतन एवं उस पर महंगाई भत्ता जोड़ कर जिन कर्मियों का वेतन 21 हजार होगा, उसे 8.33 फीसदी की दर से बोनस दिया जाएगा। इसकी अधिकतम राशि सात हजार रुपये होगी। इसी तरह मूल वेतन एवं महंगाई भत्ता जोड़ने के बाद जिन कर्मियों का वेतन 21 हजार से अधिक होगा उन्हें बोनस की पात्रता से बाहर रखा गया है। इसके एवज में प्रोत्साहन स्वरूप सात हजार रुपये अनुग्रह राशि प्रदान की जाएगी। कंपनी दो नियम के तहत बोनस प्रदान करेगी। कंपनी से बोनस निर्धारण किए जाने पर कर्मियों ने राहत की सांस ली है। गौरतलब है कि पिछले वर्ष तीन अक्टूबर को बोनस का आदेश जारी किया गया था।
बोनस मसले पर अब तक श्रमिक संघ प्रतिनिधि अपने स्तर पर प्रस्ताव रखते थे, पर इस बार किसी भी श्रमिक संघ प्रतिनिधि को अपना प्रस्ताव रखने का अवसर ही नहीं मिला। हालांकि श्रमिक नेताओं की मंशा थी कि प्रबंधन कम से बीस हजार रुपये बोनस के रूप में प्रदान करें, क्योंकि बिजली कर्मी अनिवार्य सेवा के तहत कार्य करते हैं। अन्य उद्योग में कार्यरत कर्मचारियों को पचास हजार से अधिक राशि दी जा रही है। ऐसी स्थिति में बिजलीकर्मियों को कम से कम बीस हजार मिलना चाहिए।
बिजलीकर्मियों के बोनस का आदेश सभी क्षेत्रीय कार्यालय में जारी कर दिया गया है, पर भुगतान कब तक जाएगा, आदेश में इसका खुलासा नहीं किया गया है। जीएम एचआर के सर्कुलर में तिथि का उल्लेख नहीं किया गया है। बिजलीकर्मियों को प्रत्येक माह की अंतिम तिथि को वेतन भुगतान किया जाता है, इसलिए बोनस भुगतान के लिए पृथक आदेश जारी किए जाने की संभावना जताई जा रही है।
एनटीपीसी तथा लैंको का बोनस अभी लंबित है। एनटीपीसीकर्मियों के बोनस पर अब तक बैठक नहीं हो सकी है। श्रमिक संघ के मध्य चुनाव होने से अभी एनबीसी के सदस्य तय नहीं हो सके हैं। इससे प्रबंधन ने बोनस मसले पर अभी चर्चा नहीं की है। पिछले वर्ष एनटीपीसी में बोनस दीपावली के चार माह बाद भुगतान किया गया था। इधर लैंको प्लांट में भी प्रबंधन ने अभी तक बैठक नहीं की है।
कंपनी से मात्र सात हजार बोनस दिए जाने पर जनता यूनियन के पदाधिकारी किशन अग्रवाल, पालेश्वर सिंह, एसए सईद ने आपत्ति जताते हुए कहा कि यह भूयसी दक्षिणा है। संगठन कभी भी बोनस की मांग नहीं करती है और प्रबंधन ने अपने स्तर पर निर्णय लेते हुए आदेश कर देता है। बोनस देने की मंशा होती तो पहले श्रमिक संघ प्रतिनिधियों से चर्चा करना चाहिए। उधर बीएमएस नेता आरएस जायसवाल का कहना है कि अन्य उपक्रम के मुकाबले यह राशि काफी कम है। कम से कम बीस हजार रुपये प्रदान किया जाना चाहिए था। फेडरेशन 56 इंटक के प्रदेश अध्यक्ष रामइकबाल का कहना है कि बिजलीकर्मी जनहित में लगातार काम करते हैं। इसके एवज में नाममात्र राशि बोनस के रूप में प्रदान की जाती है।