नवरात्र पर्व का उत्साह पूरे चरमोत्कर्ष पर आ चुका है। पर्व के पहले दिन बोए गए जवारों में हरियाली आ चुकी है। लहलहाते हुए हरे भरे जवारा के बीच मन्नत की दीप ज्योति का दर्शन करने श्रद्धालुओं की कतार लगने लगी है। शनिवार सप्तमी तिथि को मंदिरों में दर्शनार्थी भक्तों ने कालरात्रि की पूजा की। अष्टमी तिथि होने से रविवार को महागौरी की पूजा की जाएगी।
नवरात्र का उल्लास श्रद्धालुओं में बढ़चढ़कर देखा जा रहा है। मंदिरों व देवी पंडालों में दर्शनार्थियों की कतार बढ़ चुकी है। सप्तमी पर्व पर शहर के मां सर्वमंगला मंदिर में सुबह से ही भीड़ शुरू हो गई थी। भक्तों ने पारी का इंतजार कर देवी दर्शन किया। जगमग ज्योति कलश में जवारे के साथ लौ की शोभा बढ़ी हुई है। मन्नत की ज्योत प्रज्ज्वलित करने वाले श्रद्धालु परिवार सहित दर्शन करने पहुंच रहे हैं। अष्टमी पर रविवार को देवी के अष्ठम रूप महागौरी की पूजा की जााएगी। पंडालों में यज्ञ हवन अनुष्ठान के साथ इस दिन नवरात्र पूर्णाहुति की तैयारी की जाती। सप्तमी कालरात्रि पूजा के लिए देर रात अनुष्ठान का दौर जारी रहा। श्रद्धालुओं ने पंडालों में पहुुंचकर दर्शन लाभ लिया। पर्वतीय क्षेत्रों में उमड़ी आस्था पर्वतवासिनी मां मड़वारानी मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ देखी जा रही है। पंचमी से पर्व शुरू होने के बाद मन्नत की ज्योति का दर्शन करने लगातार दर्शनार्थी मंदिर पहुंच रहे हैं। चैतुरगढ़ में भी श्रद्धालुओं की आस्था दखते ही बन रही है। दूरदराज से भक्त मां अष्टभुजी का दर्शन करने पहुंच रहे हैं। कोसगाई पहाड़ में स्थापित कोसागाई देवी की दर्शन के लिए भक्तों की कतार लगी हुई है।
षष्ठी तिथि से बंगाल समाज के श्रद्धालुओं की ओर से आयोजित दुर्गोत्सव में प्रतिमा स्थापना के साथ ढाकी पूजा शहरवासियों के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। धूपावली में गुंगल व धूप की सुगंध के साथ झूम-झूम कर की जाने वाली धुनुची पूजा के बीच ढाक की अनवरत धुन से उत्साह का वातावरण देखा जा रहा है। शहर के पंडालों में जहां महाआरती के साथ बंगाली शैली में ढाकी पूजा हो रही है, वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में जौ नवरात्र की पूजा में श्रद्धालु लीन हैं।
मंदिर व पंडालों में भोग भंडारे का आयोजन किया जा रहा है। देवी मां के श्रद्धाुल जगह-जगह प्रसाद वितरण कर रहे हैं। खिचड़ी, हलुआ, पूड़ी, खीर के तौर पर किए जा रहे प्रसाद वितरण में भोग पाने के लिए हजारों हाथ बढ़ रहे हैं। वृहत भंडारे का आयोजन अष्टमी पर्व में भी की जाएगी।