कोरबा। खनिज न्यास शासी परिषद की बैठक में करीब दो सौ करो़ड़ का प्रस्ताव कलेक्टर ने तैयार किया था, जिसमें करीब 45 करोड़ के सिविल कार्य स्वीकृत किया जाना था। जनप्रतिनिधियों की ओर से प्रस्तावित कार्यों को तव्वजो नहीं दिए जाने से एक भी कार्य स्वीकृत नहीं किया जा सका और बैठक बेनतीजा ही समाप्त हो गई। पहले से ही विकास कार्य ठप पड़े हुए हैं। इस मद से होने वाले विकास कार्यों पर सबकी उम्मीद टिकी थी, पर इससे भी कार्य स्वीकृत नहीं हुए।
खनिज न्यास की शासी परिषद की बैठक शुक्रवार को प्रभारी मंत्री एवं शासी परिषद के अध्यक्ष पे्रमसाय सिंह टेकाम की अध्यक्षता व राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल, सांसद ज्योत्सना महंत, महापौर रेणु अग्रवाल की उपस्थिति में जिला पंचायत में हुई। कटघोरा विधायक पुरुषोत्तम कंवर ने आपत्ति जताते हुए कहा कि बैठक का एजेंडा ही उपलब्ध नहीं कराया गया है, ऐसे में तात्कालिक तौर पर कैसे चर्चा की जा सकती है। उन्होंने बैठक से पहले ही सभी सदस्यों को एजेंडा उपलब्ध कराने का प्रस्ताव रखा। इसके साथ ही अन्य सदस्यों ने भी इसका समर्थन किया। कलेक्टर किरण कौशल ने सभी सदस्यों को एजेंडा बैठक के पहले तथा बैठक के मिनट्स दो दिन में उपलब्ध कराने के निर्देश परियोजना समन्वयक को दिए। गंभीर पहलू तो यह है कि बैठक में नए एक भी विकास कार्य के प्रस्ताव स्वीकृत नहीं हो सका। भाजपा सरकार कार्यकाल के दौरान के करीब डेढ़ सौ करो़ड़ के कार्य चल रहे हैं। अंतिम दौर के 35 करो़़ड़ के कार्य निरस्त किया जा चुका है। कुछ ऐसे भी कार्य हैं, जो पूर्व में स्वीकृत होने के बाद भी शुरू नहीं हुए उस पर भी चर्चा की गई। बताया जा रहा है कि कलेक्टर कौशल ने करीब दो सौ करोड़ के कार्यों की योजना तैयार की थी। इसमें 45 करोड़ सिविल कार्य होना है। पाली-तानाखार से मोहित केरकेट्टा, कटघोरा से पुरुषोत्तम कंवर पहली बार विधायक बने हैं। ऐसे जनप्रतिनिधियों की इच्छा थी कि उनके क्षेत्र के कार्यों को प्रमुखता से शामिल किया जाए, लेकिन महत्व नहीं दिए जाने से अंदर ही अंदर नाराजगी थी। इसे बैठक में व्यक्त भी किया गया। इसके बाद सदस्यों ने सर्वसम्मति से यह तय किया कि अगली बैठक में अपना प्रस्ताव लेकर आएंगे और उसे शामिल किया जाएगा। नई सरकार गठन के बाद यह दूसरी बैठक थी, पहली बैठक में केवल पुराने कार्यों की ही समीक्षा की गई थी। तीन माह बाद हुई दूसरी बैठक में जनप्रतिनिधियों के क्षेत्र के कार्यों को प्रस्ताव में शामिल नहीं किए जाने के कारण एक भी कार्य को स्वीकृति प्रदान नहीं की जा सकी। सवाल यह उठता है कि इसके लिए जवाबदार कौन है। करोड़ों के होने वाले विकास कार्य पर एक बार फिर विराम लग गया है। पहले से ही कई आवश्यक निर्माण कार्य रुके हुए हैं। सवाल यह भी है कि बैठक से पहले ही प्रशासनिक अधिकारियों ने जनप्रतिनिधियों के प्रस्तावों पर आपसी सहमति बनाने का प्रयास क्यों नहीं किया।
मूलभूत सुविधाओं की सूची पहले तैयार करें
बैठक में प्रभारी मंत्री डॉ. टेकाम ने खनन प्रभावित क्षेत्रों के निवासियों के जीवन स्तर के उन्नयन के लिए स्वास्थ्य, शिक्षा, रोजगार, पेयजल, बिजली जैसे मूलभूत क्षेत्रों के लिए अधिक से अधिक कार्य योजना में शामिल करने के निर्देश अधिकारियों को दिए। इस मौके पर पूर्व में स्वीकृत होन के बाद भी अभी तक शुरू नहीं हुए कार्यों पर भी विस्तृत चर्चा की गई और निर्णय लिया गया कि इन सभी कार्यों की सूची पहले तैयार की जाए। उसके बाद वर्तमान सदस्यों एवं जनप्रतिनिधियों को भेजकर परीक्षण आंकलन कर आगामी बैठक में पुनः प्रस्तुत किया जाएगा।
गड़बड़ी की जांच उच्चस्तरीय समिति करे : ननकी
पूर्व गृहमंत्री एवं रामपुर विधायक ननकीराम कंवर ने इस मद से पूर्व में हुए कार्यों में गड़बड़ी का मसला उठाते हुए कहा कि पूर्व में जो शीर्ष अधिकारी पदस्थ रहते गड़बड़ी की, उनकी पहले जांच हो। इस पर एक अधिकारी ने कहा कि हम अपने से बड़े अधिकारी जांच कैसे कर सकते हैं, तब सदस्यों ने उच्च स्तरीय जांच समिति का गठित करने का प्रस्ताव रखा। प्रभारी मंत्री व परिषद के अध्यक्ष डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने सदस्यों से विचार कर इसका प्रस्ताव छत्तीसगढ़ शासन को भेजने की सहमति दी।
कोरबा व पाली-तानाखार से सदस्य नहीं
खनिज न्यास मद समिति के नए दस सदस्यों का सामने आया, इस पर भी विवाद की स्थिति निर्मित हो गई है। कोरबा, पाली-तानाखार क्षेत्र के कार्यकर्ताओं को तव्वजो नहीं देते हुए सदस्य नहीं बनाया गया। इसे लेकर भी कार्यकर्ताओं में असंतोष देखा गया। आलम यह है कि कांग्रेस के ही कई शीर्ष लोगों को इस सूची की जानकारी नहीं थी। शुक्रवार को सूची सामने आने के बाद उन्हें जानकारी लगी।
कितनी गड़बड़ी हुई किसी से छिपी नहीं
पत्रकारों से चर्चा करते हुए प्रभारी मंत्री ने कहा कि डीएमएफ में कितनी गड़बड़ी हुई है, यह किसी से छिपा नहीं है। बावजूद प्रदेश स्तरीय अधिकारी की अगुवाई में बनी कमेटी जांच कर अपनी रिपोर्ट देगी, तब आगे कार्रवाई की जाएगी। दोषी लोगों के खिलाफ कार्रवाई भी शासन की ओर से की जाएगी। कमेटी में कौन शामिल होगा, इस बारे में राजधानी में निर्णय लेकर घोषणा की जाएगी।
भाजपा पहले अपना गिरेबां झांके
तबादला को लेकर भाजपा की ओर से लगाए जा रहे आरोप पर मंत्री डॉ. प्रेमसाय ने कहा कि भाजपा के कार्यकाल में भी तबादला हुआ है और उनके कार्यकर्ताओं में भी रोष व्याप्त रहा है। अब दूसरों पर आरोप न लगाए। भाजपा व कांग्रेस की सोच अलग है। कांग्रेस का कोई भी कार्यकर्ता असंतुष्ट नहीं है। किसी कारणवश कोई नाराज होगा, तो उसे मना लिया जाएगा। अधिकारी-कर्मचारियों का तबादला एक शासकीय प्रक्रिया है। एसईसीएल प्रबंधन जर्जर सड़क नहीं सुधारेगी तो हम सहयोग नहीं करेंगे।