शनिवार को गांजा तस्करी करते गए ट्रक चालक को पुलिस ने रविवार को नारकोटिक्स एक्ट में रिमांड पर जेल भिजवा दिया। गांजा तस्करी के लिए ट्रक में स्पेशल चैंबर बनाकर रखा गया था जो ट्रक मालिक की सहमति के बगैर संभव नहीं था। चैम्बर से पुलिस ने 42 पैकेट में अवैध गांजा बरामद किया जिसे कागज और ऊपर से प्लास्टिक की झिल्लियों से पैक कर रखा था। बताया जा रहा है कि जब्त गांजा उच्च क्वालिटी का है।
गांजा परिवहन कर रहे ट्रक क्रमांक सीजी 07 सीडी 1724 के चालक उपेंद्र पिता गोवर्धन प्रसाद तुर्रे को आज विशेष न्यायालय में पेश करने के बाद रिमांड पर जेल भेज दिया गया। उसके खिलाफ अवैध गांजा तस्करी के लिए नारकोटिक्स एक्ट 20 ख के तहत अपराध दर्ज किया गया। गांजा तस्करी के लिए उसके ट्रक में विशेष चैंबर बनाए गए थे। यह चैंबर चालक केबिन के पिछले हिस्से में लकड़ियों और नट-बोल्ट की सहायता से तैयार किया गया था जिसे आरोपी ने ही पुलिस के समक्ष खोला और उसके बाद चैंबर से 42 पैकेट बाहर निकाले। गांजा को कागज और प्लास्टिक की झिल्लियों से पैक किया गया था ताकि उसकी गंध बाहर न आ सके और पानी में खराब भी न हो पाए। पुलिस सूत्रों के मुताबिक नए रास्ते का चयन चालक ने वाहन मालिक के कहने पर किया था हांलाकि वह अपने बयान में इस बात से मुकर रहा है। उसका कहना है कि जगदलपुर निवासी ट्रक मालिक ने सुकमा से जगदलपुर खाली ट्रक लाने कहा था लेकिन सुकमा से तोंगपाल, दरभा होते जाने की बजाए नकुलनार और दंतेवाड़ा के रास्ते अपनाने के सवाल पर खामोश हो जाता है। इधर पुलिस अधिकारी के मुताबिक वाहन मालिक को भी पूछताछ के लिए थाने बुलाया जाएगा। वाहन जब्त किया गया है, जिसे मालिक न्यायालय से ही प्राप्त कर सकता है।
इन्होंने रोक कर तलाशी ली थी
दंतेवाड़ा के रास्ते गांजा तस्करी की सूचना और उच्चाधिकारियों की अनुमति पर कोतवाली के प्रभारी टीआइ अमिताभ खांडेकर, एसआइ सीपी कंवर, हेड कांस्टेबल भूरेलाल शर्मा तथा आरक्षक नरेश मंडल की टीम ने कार्रवाई की है। कोतवाली की टीम ने मुखबिर की सूचना पर वाहन के नगर प्रवेश करते ही रावण डेंग में रोका और वाहन की तलाशी ली। लेकिन खाली ट्रक और चैंबर में गांजा नहीं मिला। इसके बाद दोबारा चालक पर सख्ती बरती गई तो वह खुद पाना-पेंचिस लेकर चैंबर खोला और गांजा के पैकेट बाहर निकाले।