छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में स्थित इंद्रावती टाइगर रिजर्व को लेकर हाईकोर्ट ने एक अहम फैसला सुनाया है. रिजर्व के बफर जोन को कम करने पर कोर्ट ने रोक लगा दी है. एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने ये फैसला सुनाया है. मालूम हो कि बस्तर के बीजापुर में स्थित इंद्रावती टाइगर रिजर्व के बफर जोन एरिया को कम किए जाने को लेकर राज्य शासन ने केंद्र सरकार को एक अनुशंसा भेजी थी. सरकार के इस अनुशंसा के खिलाफ लक्ष्मी चौहान और अन्य ने एक जनहित याचिका लगाई. इसी याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने ये फैसला सुनाया है.
अधिसूचना जारी होने तक है ये निर्देश
इस मामले में सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट चीफ जस्टिस के डिवीजन बैंच ने केंद्र से अधिसूचना जारी होने तक बफर जोन को कम करने पर रोक लगा दी है. इसके अलावा जनहित याचिका में लगने वाले 5 हजार के कोर्ट फीस को वापस करते हुए जनहित याचिका को निराकृत कर दिया है. बता दें की बस्तर के बीजापुर में इंद्रावती टाइगर रिजर्व है जिसका बफर जोन एरिया तकरीबन 1438 स्क्वेयर किमी है. इसे कम करते हुए राज्य शासन ने 538 स्क्वेयर किमी के लिए केंद्र सरकार को अनुशंसा के लिए भेजा है.

इसको लेकर लक्ष्मी चौहान और अन्य पर्यावरण कार्यकर्ता ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा है कि बफर जोन को कम करने राज्य शासन द्वारा केंद्र को भेजी गई अनुशंसा अगर मान्य हो जाएगा तो कोर एरिया में सुरक्षित रह रहे टाइगर असुरक्षित महसूस करेंगे. इसके अलावा कहा गया है कि राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण के एप्रूवल के बगैर राज्य सरकार ऐसी अनुशंसा नहीं कर सकती.