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55 साल पुरानी दुकानें आत्मदाह की धमकी के बावजूद तोड़ी

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राजस्व विभाग ने कोंडागांव में अतिक्रमण हटाने के नाम पर 55 साल के पुराने कब्जे की दो दुकानों को तोड़ दिया. इन दुकानों के टूटते ही परिवार बेरोजगार होकर फुटपाथ पर आ गया. इस कार्रवाई के दौरान दुकान की संचालिका महिला द्वारा आत्मदाह की चेतावनी लगाए पोस्टर को भी नजर अंदाज कर दिया गया. वहीं कार्रवाई के दौरान मौजूद अधिकारी मीडिया को जवाब देने से बचते नजर आए. ये पूरा मामला फरसगांव क्षेत्र के बोरगांव का है. यहां बोरगांव ढाबा से लगा एक मोबाइल दुकान और पान ठेला था.

इस ढाबा के संचालक कालीपद दास ने बताया कि उन्होंने 1995 में बैंक से रोजगार ऋण लेकर दुकान खोली थी. वह इसे किराए पर देकर अपने परिवार की रोजी-रोटी चला रहे थे. उन्होंने कहा कि पिछले कई सालों से विवाद के चलते एक बार पूर्व में भी प्रशासन द्वारा अतिक्रमण हटाने की कार्रावई की गई थी. उन्होंने राजस्व मंत्री के इशारे पर दुकान तोड़ने का आरोप लगाया.

कालीपद दास ने आरोप लगाया कि एसडीएम और तहसीलदार द्वारा अपनी नौकरी बचाने के चक्कर में यह कार्रवाई की गई. उन्होंने कहा कि आत्मदाह की धमकी देनेवाली महिला को अगर कुछ होता है तब इसकी पूरी जवाबदारी राजस्व मंत्री एवं प्रशासन की होगी. वहीं इस पूरे मामले पर अतिक्रमण हटाने पहुंचे एसडीएम टेक चंद अग्रवाल और तहसीलदार सतीश कुमार भोई मीडिया के सवालों से बचते नजर आए. तहसीलदार ने तो यहां तक कह दिया कि महिला ने आत्मदाह की कोई सूचना पूर्व में नहीं दी. उन्होंने हाईकोर्ट के आदेश का हवाला दिया और नो कॉमेंट्स बोलकर बचते नजर आए.

इस दौरान तोड़फोड़ से पहले राजस्व कर्मियों द्वारा आत्मदाह की सूचना निकालने की करतूत कैमरे में कैद होते ही राजस्व कर्मी द्वारा वापस दोबारा सूचना को चिपका दिया गया. ऐसे में सवाल उठता है कि कांग्रेस सरकार आखिर में कब पट्टा देकर गरीबों को प्रशासनिक कार्रवाई की डर से निजात देगी.