तेलंगाना राष्ट्र समिति के 45 वर्षीय नेता एन श्रीनिवास राव का नक्सलियों द्वारा अपहरण कर छत्तीसगढ़ में लाने की आशंका जताई जा रही है. तेलंगाना के भद्रादी कोठागुड़म जिले में उनके गृहग्राम कोथुर से बीते सोमवार को अगवा कर लिया गया था. कोठागुड़म छत्तीसगढ़ की सीमा से लगा हुआ है, इसका कुछ भाग बीजापुर के चेरला से सटा हुआ है और कुछ भाग सुकमा से मिलता है. ऐसे में ये आशंका जताई जा रही है कि नक्सली टीआरएस नेता को अपहरण के बाद छत्तीसगढ़ लेकर आ गए होंगे.
आखिरी लोकेशन चंदा-कोट्टापदु के जंगलों में मिली थी
दो दिनों पहले तेलंगाना के कोथुर गांव से किया गया था अपहरण (फाइल फोटो)
मिली जानकारी के मुताबिक स्थानीय ग्रामीणों की शिकायतों के बाद नक्सलियों ने एन श्रीनिवास राव को अगवा कर लिया था. दो-दिन बीत जाने के बाद भी कोई नुकसान नहीं पहुंचाया. ग्रामीणों के मुताबिक श्रीनिवास की आखिरी लोकेशन चंदा-कोट्टापदु के जंगलों में मिली है, जो छत्तीसगढ़ के जंगलों से मिला हुआ है.
दक्षिण सुकमा बॉर्डर वाले इलाके में रखे जाने की आशंका
वहीं अब तक की मिली जानकारी के मुताबिक सुकमा इलाके में तैनात नक्सलियों की बटालियन नंबर एक की मदद लेकर तेलंगाना के नक्सलियों द्वारा श्रीनिवास को दक्षिण सुकमा बॉर्डर वाले इलाके में रखे जाने की आशंका है. हालांकि अभी खुफिया एजेंसियां और अन्य विभाग कुछ भी कह पाने की स्थिति में नहीं हैं. फिलहाल, सभी यही कयास लगा रहे हैं कि हो सकता है कि श्रीनिवास को हिड़मा के नेतृत्व में तेलंगाना के नक्सलियों ने बस्तर में सुरक्षित स्थान पर रखा होगा.
दक्षिण सुकमा बॉर्डर वाले इलाके में रखे जाने की आशंका (फाइल फोटो)
घर से हुआ था अपहरण
कोठागुड़म के जिला पुलिस अधीक्षक सुनील दत्त का कहना है कि उन्होंने इस घटना पर पैनी नजर बनाई रखी है. कोशिश है कि श्रीनिवास राव को जल्द छुड़ा लिया जाए. उन्होंने बताया कि संदिग्ध नक्सलियों ने उनका अपहरण उनके घर से किया है. मिली जानकारी के मुताबिक राव की पत्नी दुर्गा राव का कहना है कि एक दर्जन से ज्यादा लोग उनके पति को अगवा करने आए थे. इस दौरान पहले राव की पिटाई की गई, इसके बाद घसीटते हुए घर से बाहर ले गए.
तेलंगाना में ग्रेहाउंड के डर से छत्तीसगढ़ के इन दो जिलों में ली पनाह
एन श्रीनिवास राव के अपहरण से पहले नक्सलियों की तेलंगाना स्टेट कमेटी के सेक्रेटरी हरिभूषण का मूवमेंट सुकमा-बीजापुर के जिलों में रहा है. खुफिया विभागों की मानें तो तेलंगाना में ग्रेहाउंड (कुत्ते की एक नस्ल) के दबाव के कारण हरिभूषण और टीम ज्यादातर समय बस्तर के इन दो जिलों के जंगलों में बिताते हैं. जब बहुत जरूरी काम होता है, तब ही उनकी टीम तेलंगाना जाती है. यहां नक्सलियों की पामेड़ एरिया कमेटी, उसूर एरिया कमेटी और हिड़मा के नेतृत्व वाली नक्सलियों की बटालियन नंबर एक उनकी मदद करती है. इसिलए ये आशंका है कि वे श्रीनिवास को यहां लेकर आए होंगे.
वहीं इधर, बीते 6 जुलाई को मुठभेड़ के बाद नक्सलियों बौखलाहट है. नक्सली कोई बड़ी वारदात को अंजाम न दे सकें, इसलिए एसटीएफ और डीएफ फोर्स लगातार नगरी, सिहावा के जंगल में सर्चिंग अभियान चला रही है. फोर्स करीब 50 से अधिक गांवों को घेरकर यह सघन अभियान चला रहा है.