जिले के हार्डकोर नक्सली और जनमिलिशिया सदस्यों की कुंडली अब आम लोगों के हाथों में होगी। पुलिस जिले में सक्रिय नक्सलियों की सूची तैयार कर रही है। जिसमें उनका नाम, पता, घोषित इनाम और वह किन-किन वारदातों में शामिल रहा इसकी जानकारी होगी। पुलिस इस जानकारी के जल्द सार्वजनिक करने जा रही है। यह सूची जल्द पुलिस थानों के साथ पंचायत भवन में चस्पा की जाएगी। इतना ही नहीं सरपंचों को भी दी जाएगी। बताया जाता है कि इस सूची में 120 गांव के नक्सली और समर्थकों को चिन्हित किया गया है।
दंतेवाड़ा पुलिस अब जंगल और गांव में रहने वाले नक्सली और उनके सहयोगियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की तैयारी में जुटी है। चिन्हित नक्सलियों के खिलाफ कार्रवाई होगी। यदि कोई नक्सली या परिजन उसे सामान्य जीवन जीने के लिए पुलिस से संपर्क करेगा तो उसे पूर्ण सहयोग किया जाएगा।
पुलिस अधिकारियों के मुताबिक पिछले कुछ माह से गांव के साथ इलाके में सक्रिय नक्सलियों की प्रोफाइल तैयार की जा रही है जिसमें बड़े नक्सलियों के साथ ही गांव में रहने वाले उनके सहयोगी और मिलिशिया सदस्य भी शामिल हैं। इनके नाम शीघ्र ही उजागर किए जाएंगे। इसके बाद नक्सलियों के खिलाफ कार्रवाई किया जाएगा। सीआरपीएफ जवानों के पास भी सूची मौजूद रहेगी ताकि गश्ती के दौरान उन्हें यह काम आ सके।
पुलिस अधिकारियों की माने तो सूची प्रकाशन और कार्रवाई के बीच नक्सलियों को राष्ट्र की मुख्य धारा में जुड़ने के लिए मौका दिया जाएगा। संबंधित सरपंच और परिजन या खुद नक्सली पुलिस से संपर्क कर सरेंडर करना चाहे तो उसे पूरा अवसर दिया जाएगा। आम जिंदगी जीने का मौका और सुविधाएं दी जाएगी। इतना ही नहीं सूची में दर्ज नाम यदि गलत है तो भी ग्रामीण संबंधित सरपंच और परिजनों के साथ आकर अपना नाम कटवा सकता है। कई बार वह अनजाने में भी अपराध कर बैठता है।
इलाके के रहने वाले कुछ नक्सलियों के बच्चे स्कूल-आश्रम शालाओं मं अध्ययन कर रहे हैं। माता-पिता और परिजनों की गतिविधियों का आंशिक असर उन पर होता और वे भी अन्य बच्चों को गलत कार्य के लिए उकसाते हैं। ऐसे बच्चों की काउंसिलिंग होगी। कुछ आश्रम शालाओं में नक्सलियों के बच्चों के अध्ययन करने की जानकारी पुलिस ने जुटा ली है। ये बच्चे दंतेवाड़ा जिले के अलावा बीजापुर, सुकमा और बस्तर जिले की संस्थाओं में अध्ययन कर रहे हैं।