अरुणाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कालिखो पुल की पत्नी दांग्वीसाई पुल ने जनरल पावर ऑफ अटॉर्नी (जीपीए) के आधार पर वर्धमान एस्टेट बिल्डर के खिलाफ यूपी रेरा में शिकायत की है। उन्होंने यूपी रेरा से संपत्ति दिलवाने की अपील की है। वहीं सुनवाई के दौरान रेरा की पीठ दो ने पैसों के लेनदेन को संदिग्ध माना है और दोनों पक्ष को आपसी सहमति से निस्तारण करने का समय दिया है। कालिखो पुल ने 2016 में आत्महत्या कर ली थी।
रेरा के सदस्य बलविंदर कुमार ने बताया कि ग्रेटर नोएडा के नॉलेज पार्क तीन में वर्धमान एस्टेट बिल्डर का आई-वैली नाम से प्रोजेक्ट है। प्रोजेक्ट में कायोलम तौशिक के नाम से संपत्ति खरीदी गई थी। कोयलम तौशिक से पूर्व सीएम की पत्नी दांग्वीसाई पुल ने जीपीए करा ली। जीपीए के आधार पर पूर्व सीएम की पत्नी दांग्वीसई पुल यूपी रेरा में बिल्डर के खिलाफ शिकायत की। शिकायत पर सुनवाई चल रही है।
सदस्य बलविंदर कुमार ने बताया कि 7.50 करोड़ रुपये से प्रोजेक्ट में संपत्ति खरीदी गई है। धनराशि का भुगतान चेक से व नकद किया गया है। भुगतान की गई धनराशि से 29 यूनिट पर कब्जा दिलाने की मांग की है। वहीं बिल्डर के अधिवक्ता का कहना है कि संपत्ति का खरीदार अभी तक रेरा की पीठ के समक्ष उपस्थित नहीं हुआ है। संपत्ति मूल खरीदार को ही दी जाएगी। उन्होंने बताया कि पैसों का लेनदेन संदिग्ध है। ऐसे में दोनों पक्ष को आपसी सहमति से मामले का निस्तारण करने को कहा गया है। एक माह के अंदर अगर आपसी सहमति से समझौता नहीं हुआ तो फिर रेरा कार्रवाई करेगा।
पीठ दो ने संपत्ति की खरीद में पैसों के लेनदेन को संदिग्ध माना है। पीठ ने चेतावनी दी है कि अगर दोनों पक्ष आपसी सहमति से मामले का निस्तारण नहीं होता है तो फिर एसआईटी से जांच करवाने पर विचार किया जाएगा। साथ ही आयकर विभाग को भी इस संबंध में पत्र भेजा जाएगा। अगर पीठ ने यह कार्रवाई की तो फिर बिल्डर और खरीदार की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। अरुणाचल प्रदेश के पूर्व सीएम कालिखो पुल ने 9 अगस्त, 2016 को आत्महत्या कर ली थी। सरकारी आवास में उनका शव पंखे से लटका हुआ मिला था। हालांकि, उनकी पत्नी ने सुसाइड नोट के आधार पर सीबीआई से मौत की जांच कराने की मांग की थी। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर उनको मुख्यमंत्री की कुर्सी छोडनी पड़ी थी।