बस्तर का हरा सोना यानी तेंदूपत्ता की तोड़ाई इन दिनों छत्तीसगढ़ में चल रही है. वहीं कोण्डागांव जिले के दो वन मंडल कोंडागांव और केशकाल. कोंडागांव की 13 समिति की खरीदी का कम वन विभाग खुद कर रही है. नक्सली अपने आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के लिए बस्तर में हरा सोना कहे जाने वाले तेंदूपत्ता की खरीदी से लेव्ही वसूली की कोशिश में जुटे हुए है. तेंदूपत्ता तोड़ाई का सीजन शुरू होती ही माओवादी इलाके में लगातार उपस्थिति दर्ज करा रहे है. कोण्डागांव एएसपी सुजीत कुमार का कहना है कि नक्सलियों और उनके सूचना तंत्र पर पुलिस नजर रखे हुए हुए है.
एएसपी सुजीत कुमार का कहना है कि पुलिस का पहला काम नक्सल प्रभावित इलाकों से इनका प्रभाव कम करना. पुलिस को तेंदूपत्ता खरीदी वाले इलाकों में अगर उनका लोकश मिलता है तो हम ऑपेशन चलाकर उन्हे पीछे हटाएंगे. पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक आश्चर्यजनक तौर पर विगत दस साल में तेंदूपत्ता से लेवी वसूली की कोई शिकायत पुलिस में किसी ने भी दर्ज नहीं कराई है. जबकि वन विभाग और पुलिस के सूत्रों के मुताबिक माओवादी संगठन के लिए तेंदूपत्ता बड़ा आर्थिक स्त्रोत है. एएसपी सुजीत कुमार का कहना है कि हम लड़ाई लड़ रहे हैं. नक्सलियों को बैकफुट में लाने के लिए सारी कार्रवाई किया जा रही है.