बस्तर में लोकसभा चुनाव अप्रेल महीने में है और इसी महीने नक्सली टीसीओसी (टेक्टिकल काउण्टर अफेंसिव कैम्पेन) चलाते हैं. इसमें नक्सली आईईडी एवं एम्बुश लगाकर फोर्स को नुकसान पहुंचाने के मकसद से बड़ी वारदात को अंजाम देने की कोशिश करते हैं. ऐसे में अप्रेल महीने में ही चुनाव होना पुलिस के लिए चुनौती बनी हुई है. पुलिस ने भी इसे गम्भीरता से लेते हुए अभी से हर बूथ का सर्वे करना शुरू कर दिया है. सर्वे के बाद बूथों पर सुरक्षा के कड़े उपाय किये जा रहे हैं.
नक्सलियों के ठिकानों एवं आसपास के इलाकों में ड्रोन से नजर रखी जा रही है. पुलिस भी अंदुरनी क्षेत्रों को जिला मुख्यालय से जोड़ने वाली सड़कों पर विशेष नजर रखे हुए है. एक महीने में नक्सली वारदात को रोकना पुलिस का मुख्य उद्देश्य है, जिसके लिए कई उड़नदस्ते भी बनाये गए हैं. बस्तर लोकसभा के तहत दन्तेवाड़ा जिले में कुल 273 मतदान केंद्र होंगे. इनमें 85 संवेदनशील और 157 अति संवेदनशील हैं. इसके अलावा एक दिव्यांग और 5 संगवारी केंद्र भी होंगे.
सुरक्षा के मद्देनजर 69 केंद्रों को शिफ्ट करने की सिफारिश की गई है. सुरक्षा के लिए जिले में अतिरिक्त 12 बटालियन की मांग की गई है. विशेष पुनरीक्षण में 472 मतदाताओं की बढ़ोतरी के साथ कुल 187407 मतदाता हैं. बस्तर लोकसभा के लिए निर्वाचन प्रक्रिया 18 मार्च से शुरू होगी. दंतेवाड़ा जिले में विधानसभा चुनाव की अपेक्षा लोकसभा में 472 मतदाता बढ़े हैं. कुल एक लाख 87 हजार 407 मतदाताओं के लिए कुल 273 मतदान केंद्र बनाए गए हैं. इनमें नदी पार सहित दूरस्थ इलाकों के 69 मतदान केंद्रों अन्यत्र शिफ्ट करने की सिफारिश चुनाव आयोग से की गई है.