जशपुर जिले में मनरेगा अंतर्गत करीब 9 साल तक काम करने वाले तकनीकी सहायकों को राज्य सरकार कार्यमुक्त कर रही है। इसके बाद निकाले गए 4 कर्मचारियों ने इच्छा मृत्यु मांगी है। तकनीकी सहायकों ने राष्ट्रपति के नाम जशपुर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपते हुए कहा है कि उन्हें बिना किसी कारण के नौकरी से निकाला गया है अब उनके पास आत्मदाह के सिवाय और कोई दूसरा उपाय नहीं है। यही नहीं जशपुर के रहने वाले सभी कर्मचारी मंगलवार को राजधानी रायपुर पहुंचे यहां वे राज्यपाल से मिलने राजभवन भी गए लेकिन उनकी राज्यपाल से मुलाकात नहीं हो सकी। जिसके बाद उन्होंने राष्ट्रपति के नाम राजभवन में ज्ञापन सौंपकर बैरंग वापस लौट गए। बता दे कि निकाले गए कर्मचारी गौरीशंकर भगत, विजय कुमार तिग्गा और विनोद कुमार साय ने अपने संयुक्त बयान में कहा कि छत्तीसगढ़ मनरेगा योजना में हम सभी जिला जशपुर में तकनीकी सहायक पद पर विगत 8-10 वर्षों से कार्यरत रहे हैं। हम सभी को उच्च अधिकारियों की मनमानी के चलते सेवा से पृथक कर दिया गया है। इसके लिए हम सभी अपनी बहाली के लिए शासन-प्रशासन के पास लगातार निवेदन करते रहे हैं। इस कड़ी में राज्य अनुसूचित जनजाति आयोग ने भी हमारे मामले का परीक्षण किया और हमें निर्दोष मानते हुए हमारी बहाली के लिए अपर सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग छत्तीसगढ़ को निर्देश जारी किए हैं, लेकिन आज पर्यन्त तक हमारी नौकरी पर बहाली नहीं हो सकी है, जबकि नई सरकार के जन घोषणा पत्र में किसी की छंटनी नहीं होगी ऐसा वादा किया गया था।