खनिज विभाग द्वारा इस समय जिले भर में चल रहे ईट निर्माण के भट्टों पर अपनी नजर टेढ़ी कर चुका है और शीघ्र ही इन्हें अपने अवैध कार्य के लिए दंडित भी किया जा सकता है। इस संबंध में खनिज निरीक्षक दीपक तिवारी ने बताया कि विभाग द्वारा बिना अनुमति के चल रहे अवैध ईंट भट्टों की जांच-पड़ताल की जा रही है और अभी कुछ दिन पूर्व जगदलपुर के ही एक ईट भट्टे पर कार्रवाई की गई थी। यह जांच-पड़ताल आगे भी चलेगी। जानकारी के अनुसार जिले में इस समय चारों तरफ अंदरूनी इलाके के गांवों में धड़ल्ले से ईट भट्टों से ईंट बनाने का कार्य अवैध रूप से चल रहा है। जानकारी के अनुसार जिले में इस समय 100 से अधिक भट्टे चल रहे हैं। प्रशासनिक अनदेखी के कारण कुछ किसान और ग्रामीण भी इसका फायदा उठा रहे हैं। इस पर नियंत्रण पाने के लिए राजस्व, वन और खनिज विभाग इनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। इस संबंध में कुछ दिनों पहले खनिज विभाग के अधिकारी ने कुम्हारों को ईंट बनाने की जो छूट दी थी। उसका लाभ अन्य लोग भरपुर तरीके से अवैध रूप से उठा रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि लगातार बढ़ते अवैध ईंट भट्टों से पर्यावरण प्रदूषण को रोकने के लिए शासन ने प्रोजेक्ट रिपोर्ट के बिना ईंट भट्टों को प्रतिबंधित करने का निर्णय लिया है। शासन ने गौण खनिज नियम में संशोधन किया है। व्यावसायिक उपयोग के लिए नई व्यवस्था के अनुसार ईंट भट्टे के मालिकों को भू-गर्भशास्त्री से प्रोजेक्ट रिपोर्ट बनवाकर भेजना जरूरी होगा।