जगदलपुर के कुम्हारपारा मार्ग पर स्थित रविन्द्रनाथ टैगोर प्राइमरी शाला इस समय अपनी दुर्दशा के लिए लोगों में खास चर्चित हो रही है और लोग इस शाला की ओर देखते हुए शिक्षा विभाग पर ही उंगलियां उठा रहे हैं। जानकारी के अनुसार शाला प्रबंधन की बेरूखी से कक्षाओं के पास कचरा जमा हो गया है और स्कूल का भवन क्षतिग्रस्त हो चुका है। इस स्कूल में असामाजिक तत्वों ने भी डेरा जमाते हुए स्कूल को बदनाम करने में कोई कसर नहीं रखी है और इन्हीं तत्वों द्वारा स्कूल के दरवाजे, खिड़कियां गायब कर दिये गये हैं। रात्रि को पूरी तरह से यहां असामाजिक तत्वों का अड्डा रहता है। स्कूल के प्रबंधन ने जानकारी दी कि स्कूल के जीर्णोद्धार के लिए कई बार विभाग को सूचित कि गया, लेकिन विभाग ने अभी तक इस ओर ध्यान नहीं दिया है। उल्लेखनीय है कि इस शाला की शुरूवात वर्ष 1961 में की गई थी और उसके बाद से ही इसकी ओर से विभाग ने आंख मूंद ली। आज स्थिति यह है कि यहां पहली से पांचवी तक की कक्षायें लगती हैंं और वर्तमान में 237 बच्चें अध्ययनरत हैं। सभी बच्चें जमीन पर ही बैठकर पढ़ाई करते है। दरवाजों, खिड़कियों का पता नहीं है और कक्षाओं सहित बाहर बरामदे में कचरा फैला हुआ है।
इस संबंध में खंड शिक्षा अधिकारी एनएस भारद्वाज ने बताया कि उन्हें इस स्कूल के बारे में जानकारी प्राप्त हुई है और वे स्वयं जाकर स्कूल भवन व अन्य सभी चीजों का निरीक्षण कर विभाग के समक्ष इसके सुधार के लिए योजना प्रस्तुत करेंगे और स्वीकृति मिलते ही स्कूल के काया-कल्प का कार्य शुरू हो जायेगा।