
जनजातीय कार्य मंत्री ओमकार सिंह मरकाम ने कहा है कि जनजातीय कार्य मंत्रालय का नाम बदलकर आदिवासियों से जोड़ा जाएगा। जनजातीय कार्य से संपूर्ण आदिवासियों को नहीं जोड़ा जा सकता है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में अभी तक प्री-मीट्रिक और पोस्ट मीट्रिक छात्रावासों को अब सीनियर बालक, सीनियर बालिका और जूनियर बालक और बालिका के नाम से जाना जाएगा। सामान्य वर्ग को दस प्रतिशत आरक्षण दिए जाने के सवाल पर मरकाम ने कहा कि पीएम मोदी की कोई भी घोषणा पूरी नहीं हुई है, यह केवल चुनावी स्टंड है और नीति अस्पष्ट है। उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार ने आदिवासियों की संस्कृति के मूल स्ट्रेक्चर को समाप्त ही कर दिया है। हमने अपने वचन पत्र में भी इसे मूल धारणा से जोड़ा है। हम आदिवासी महिलाओं को पोषण के लिए एक हजार के स्थान पर 1500 रुपए माह देंगे। उन्होंने यह माना कि वे जब छिंदवाड़ा गए थे, तो वहां के छात्रावासों के निरीक्षण के दौरान उन्हें अनेक अनियमितताएं देखने को मिली।
छात्रावासों में न पीने का ठीक पानी मिल रहा है और न ही सुसज्जित भवन है, उपयुक्त मात्रा में विस्तर भी छात्र-छात्राओं को नहीं मिल रहे हैं। कैग के रिपोर्ट में छात्रावासों के नाम हुए घोटाले की जांच के सवाल पर उन्होंने कहा कि जहां गड़बड़ी होगी, उसे संज्ञान में लाया जाएगा और इस मामले की जांच करवा दोषियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई होगी।