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राजीव गांधी के हत्या के मामले में दोषी पाए गए टी सुथेंद्रराजा उर्फ संथान की तमिलनाडु के एक सरकारी अस्पताल में मौत…

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राजीव गांधी के हत्या के मामले में दोषी पाए गए टी सुथेंद्रराजा उर्फ संथान की तमिलनाडु के एक सरकारी अस्पताल में मौत…

”राजीव गांधी के हत्या के मामले में दोषी पाए गए टी सुथेंद्रराजा उर्फ संथान की बुधवार को तमिलनाडु के एक सरकारी अस्पताल में मौत हो गई।”

बताया गया है कि उसे चेन्नई स्थित राजीव गांधी जनरल अस्पताल में भर्ती कराया गया था। अस्पताल के डीन ई. थेरानीराजन ने बताया कि संथान का यहां लिवर फेल होने का इलाज जारी था। उसका सुबह 7.50 बजे निधन हो गया। उसे सुबह करीब 4 बजे कार्डिएक अरेस्ट हुआ। हालांकि, सीपीआर के जरिए उसे बचा लिया गया। उसे वेंटिलेटर पर ऑक्सीजन सप्लाई में रखा गया था। हालांकि, उसका शरीर इलाज पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दे रहा था।

अधिकारियों के मुताबिक, संथान का पोस्टमार्टम कराया जाएगा। इसके बाद उसके शव को श्रीलंका भेजा जाएगा. गौरतलब है कि सजा काटने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने संथान की रिहाई के आदेश दिए थे। हालांकि, श्रीलंका निर्वासित करने के लिए उसे अन्य रिहा दोषियों के साथ त्रिची स्पेशल कैंप में रखा गया था।

बीते हफ्ते ही विदेश मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले फॉरेनर्स रीजनल रजिस्ट्रेशन ऑफिसर (FRRO) ने 56 वर्षीय संथान के श्रीलंका निर्वासन के लिए आपात यात्रा दस्तावेजों को मंजूरी दी थी। इससे पहले नवंबर में एमटी संथान ने भी त्रिची स्पेशल कैंप से रिहा करने की मांग की थी। संथान का आरोप था कि स्पेशल कैंप के कमरे में खिड़की भी बंद है और उन्हें अन्य लोगों से मिलने की भी आजादी नहीं है। संथान ने कहा था कि इस स्पेशल कैंप के मुकाबले उनके लिए जेल ज्यादा ठीक थी।

राजीव गांधी की हत्या के मामले में काट चुके थे सजा
राजीव गांधी की साल 1991 में लिट्टे के आत्मघाती दस्ते द्वारा हत्या कर दी गई थी। पूर्व पीएम की हत्या में सात लोग जिनमें मुरुगन, नलिनी, एजी पेरारिवालन, संथान, जयकुमार, रॉबर्ट पायस और पी रविचंद्रन को दोषी ठहराया गया था। इन सभी को मौत की सजा दी गई थी,

जिसमें बाद में उम्रकैद में बदल दिया गया था। दोषियों में संथान और मुरुगन के अलावा दो और रॉबर्ट पायस और जयकुमार श्रीलंका के निवासी हैं। सुप्रीम कोर्ट ने बीते साल ही इन्हें रिहा करने का आदेश दिया था। हालांकि वैध दस्तावेजों के अभाव में इन्हें निर्वासित नहीं किया जा सका। दूसरी तरफ पेरारिवालन, नलिनी और रविचंद्रन भारतीय हैं और चारों को रिहा किया जा चुका है।