लिहाजा, इस पर पुलिस ने प्रथम दृष्या जांच करते हुए सत्येंद्र प्रधान के खिलाफ आईपीसी की धारा 420 के तहत मामला दर्ज करते हुए मामले की जांच शुरू कर दी है. पुलिस के मुताबिक बीते 27 जून 2018 को की गई लिखित शिकायत में शिकायतकर्ता शीला शर्मा ने बताया था कि 6 जुलाई 2016 के तहत जुलाई 2016 में मेमर्स अर्पिता हॉस्पिटल सरायपाली के नाम पर पार्टनरशिप फर्म पंजीकृत कराया गया था.
लिहाजा, आरोपी सत्येंद्र प्रधान द्वारा उक्त अर्पिता हॉस्पिटल सरायपाली को एकल स्वामित्व के तहत पंजीयन कराकर संचालित किया जा रहा था. साथ ही सत्येंद्र प्रधान द्वारा पार्टनरशिप डीड निष्पादित कराकर अर्पिता हॉस्पिटल सरायपाली के नाम पर कुल 91 लाख 67 हजार 675 रुपए धोखाधड़ी से ले लिया गया है.
पार्टनरशिप डीड होने के बावजूद आरोपी ने अस्पताल एकल स्वामित्व में संचालन जारी रखा है, जिसकी शिकायत अब सरायपाली थाने में की गई है. मामले में पुलिस ने प्रथम दृष्या जांच करते हुए बैंक स्टेटमेंट और कागजों की जांच के बाद संचालय सत्येंद्र प्रधान के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है. साथ ही मामले की विवेचना शुरू कर दी है. जांच के दौरान पुलिस आगे आरोपी पर धारा बढ़ाने के साथ आरोपियों की संख्या भी बढ़ने की बात कर रही है.