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बस्तर को मिली एक बड़ी सौगात : रेल मार्ग से खुलेंगे विकास के दरवाजे : डॉ. रमन सिंह

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प्रदेश व्यापी अटल विकास यात्रा के तहत आज छत्तीसगढ़ के आदिवासी बहुल बस्तर संभाग की जनता को एक बड़ी सौगात मिली। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने संभागीय मुख्यालय जगदलपुर के लाल बाग मैदान में आयोजित विशाल जनसभा में दल्लीराजहरा- जगदलपुर 235 किलोमीटर की रेल परियोजना के तहत जगदलपुर से रावघाट तक बनने वाले रेल मार्ग का डिजिटल शिलान्यास किया। उन्होेंने आमसभा को सम्बोधित करते हुए रेल लाइनों की तुलना मनुष्य के हाथों की रेखाओं से की। डॉ. सिंह ने कहा – आज के युग में रेल नेटवर्क के विकास और विस्तार से ही किसी भी देश अथवा राज्य की तकदीर और तस्वीर संवरती है।
उन्होंने कहा – इस रेल मार्ग से बस्तर में विकास के नये दरवाजे खुलेंगे। मुख्यमंत्री ने लगभग 2538 करोड़ रूपए की रावघाट-जगदलपुर परियोजना के तहत 140 किलोमीटर लम्बे रेल मार्ग निर्माण के लिए भूमिपूजन और  शिलान्यास किया। उल्लेखनीय है कि इस परियोजना के प्रथम चरण में दल्लीराजहरा से रावघाट तक लगभग 95 किलोमीटर रेल मार्ग का निर्माण प्रगति पर है और इस मार्ग पर दल्लीराजहरा से भानुप्रतापपुर तक रेलसेवा भी शुरू हो गई है।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर ग्राम बेड़मा-दहीकोंगा से जगदलपुर राष्ट्रीय राजमार्ग के 119 किलोमीटर के चौड़ीकरण कार्य का भी लोकार्पण किया। जगदलपुर के लालबाग मैदान में उन्होंने  विशाल आमसभा को सम्बोधित करते हुए कहा कि आज छत्तीसगढ़ के आदिवासी बहुल बस्तर संभाग के लिए एक ऐतिहासिक दिन है, जहां नया इतिहास रचा जा रहा है। उन्होंने कहा – बस्तर एजुकेशन हब, मेडिकल कॉलेज, नगरनार इस्पात संयंत्र के साथ एक नये युग में प्रवेश कर रहा है। यहां नये-नये उद्योग और सहायक उद्योग लगेंगे। रेल लाइन के आसपास विकास को नई गति मिलेगी। आने वाले समय में इस क्षेत्र में 10 गुना ज्यादा विकास होगा।
केन्द्रीय इस्पात राज्य मंत्री श्री विष्णुदेव साय, रेल राज्य मंत्री श्री राजेन्द्र गोहेन, छत्तीसगढ़ के उच्च शिक्षा मंत्री श्री प्रेमप्रकाश पाण्डेय, स्कूल शिक्षा मंत्री श्री केदार कश्यप, वन मंत्री श्री महेश गागड़ा, लोकसभा सांसद श्री दिनेश कश्यप, कार्यक्रम में विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि जगदलपुर-रावघाट रेल परियोजना से चार जिले बस्तर, कोण्डागांव, नारायणपुर और कांकेर जुड़ेंगे। जगदलपुर और रावघाट के बीच पल्ली गांव, कुड़कानार, बस्तर, सोनारपाल, भानपुरी, दहीकोंगा, बनियागांव, कोंडागांव, जुगानी, चांदगांव, नारायणपुर, और भारंडा स्टेशन बनाए जाएंगे। इस रेल मार्ग के पूर्ण होने पर जगदलपुर से रायपुर की दूरी रेल मार्ग से 622 किलोमीटर से घटकर 360 किलोमीटर रह जाएगी। वर्तमान में जगदलपुर से कोरापुट-टिटलागढ़ होते हुए घूमकर रायपुर जाना पड़ता है। डॉ. रमन सिंह ने कहा कि छत्तीसगढ़ ने एनएमडीसी, भारतीय इस्पात प्राधिकरण (सेल),  इरकॉन और सीएमडीसी के सहयोग से  रेल लाइन के विस्तार का नया मॉडल सुझाया, प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने इसे मंजूरी दी। प्रधानमंत्री के विशेष प्रयासों से ही आज जगदलपुर-रावघाट रेल परियोजना का शुभारंभ हो रहा है। उन्होंने इसके लिए प्रधानमंत्री के प्रति आभार प्रकट किया। मुख्यमंत्री ने इस परियोजना को तत्परता से आगे बढ़ाने के लिए रेल मंत्री श्री पीयूष गोयल, इस्पात मंत्री चौधरी वीरेन्द्र सिंह, रेल राज्य मंत्री श्री राजेन गोहेन और केन्द्रीय इस्पात राज्य मंत्री श्री विष्णुदेव साय के योगदान की भी तारीफ की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले डेढ़ सौ साल में छत्तीसगढ़ ने जितनी लम्बी रेल लाइन बिछायी गई है, उतनी रेल लाइन आने वाले पांच वर्षाें में बिछायी जाएगी। उन्होंने कहा कि बस्तर करवट बदल रहा है। सड़क कनेक्टिविटी, बिजली की कनेक्टिविटी, रेल कनेक्टिविटी, टेलीकॉम कनेक्टिविटी और एयर कनेक्टिविटी  के साथ बस्तर नये दौर में प्रवेश कर रहा है। मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में लगभग 541.88 करोड़ रूपए की लागत से राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक-30 के बेड़मा-दाहीकोंगा-जगदलपुर तक 119 किलोमीटर तक किए गए चौड़ीकरण एवं नवीनीकरण कार्य का लोकार्पण किया। उन्होंने 20 करोड़ रूपए की लागत से 25.60 किलोमीटर लम्बी लोहण्डीगुड़ा विकासखण्ड के तारागांव गरदा कोड़ेनार सड़क और 33 करोड़ 75 लाख रूपए की लागत से 45 किलोमीटर लम्बी चित्रकोट बारसूर सड़क का भूमिपूजन किया। डॉ. सिंह ने लगभग दो करोड़ 64 लाख रूपए की लागत से निर्मित चि़ड़पाल में उपस्वास्थ्य केन्द्र भवन, दरभा में ट्रंाजिस्ट हॉस्टल निर्माण, ग्राम सोरगांव विकासखण्ड बस्तर में शासकीय हाईस्कूल भवन निर्माण और ग्राम तारागांव विकासखण्ड भानपुरी में बस्तर हस्तशिल्प परियोजना भवन का लोकार्पण किया।
मुख्यमंत्री डॉ. सिंह कार्यक्रम में विभिन्न हितग्राहीमूलक योजनाओं के तहत् 440 हितग्राहियों को 79 लाख रूपए की सामग्री एवं चेक वितरण किया। उन्होंने कृषि विभाग के शाकम्भरी योजना के तहत 130 किसानों को 24 लाख 31 हजार रूपए की लागत के तीन एचपी के विद्युत पंप प्रदान किया। डॉ. सिंह ने इसके अलावा कृषि यांत्रिकीकरण योजना के तहत 3 हितग्राहियों को पैडी ट्रांसप्लांटर, 3 हितग्राहियों को रीपर और 12 हितग्राहियों को बैटरी पावर स्प्रेयर प्रदान किया। प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत 154 किसानों को 39 लाख 68 हजार रूपए की राशि के चेक तथा किसानों को स्प्रिंकलर पाईप प्रदान करेंगे। श्रम विभाग की नौनिहाल छात्रवृत्ति योजना के तहत् 119 छात्र-छात्राओं को 2 लाख 35 हजार रूपए के चेक वितरित किए।

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