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RSS से कैसे थे इंदिरा गांधी के संबंध? इमरजेंसी में सपोर्ट-सत्ता वापसी में मदद, किताब से हैरान करने वाले खुलासे|

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कांग्रेस नेता राहुल गांधी आज के वक्त में भारतीय जनता पार्टी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के खिलाफ आक्रामक रवैया अपनाते हैं. लेकिन क्या आपको मालूम है कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के आरएसएस के साथ किस तरह के संबंध थे?

आरएसएस ने किस तरह इमरजेंसी में इंदिरा गांधी का समर्थन किया था और कई मौकों पर कैसे दोनों एक-दूसरे की मदद करते नज़र आए थे.

हाल ही में आई किताब ‘How Prime Ministers Decide’में इंदिरा गांधी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को लेकर कई अहम खुलासे किए गए हैं.

किताब में लिखा गया है, ‘तत्कालीन RSS चीफ बालासाहेब देवरस ने कई मौकों पर इंदिरा गांधी को चिट्ठी लिखी थी. कुछ संघ के नेता कपिल मोहन के जरिए संजय गांधी तक अपनी बात पहुंचा रहे थे. 1977 में इंदिरा को काफी सोच-समझकर इनका जवाब देना था क्योंकि इसका संदेश कैसा जाता है यह भी अहम था. इंदिरा गांधी ने कई मौकों पर आरएसएस से संबंध तो बनाए रखा, लेकिन सार्वजनिक मौकों पर संगठन से दूरी बनाई रखी.’

:इंदिरा गांधी को क्यों खलती थी ये बड़ी गलती?

इमरजेंसी के वक्त जब इंदिरा गांधी का देश में विरोध हो रहा था, तब आरएसएस इंदिरा के समर्थन में आया था. किताब में दावा है कि तमाम मसलों पर विरोध के बावजूद इंदिरा गांधी ने आपातकाल के वक्त संघ से समर्थन ले लिया था. यहां इंदिरा गांधी की नज़र कांग्रेस की मुस्लिम पार्टी वाली छवि को दूर करने की भी थी और संघ से समर्थन उनके लिए एक बेहतर उपाय था.

1980 के चुनाव में जब इंदिरा गांधी ने सत्ता में वापसी की, अनिल बाली ने किताब में दावा किया कि इस चुनाव में संघ ने इंदिरा गांधी की मदद की थी. हालांकि उन्होंने पब्लिकली इस बात को कभी स्वीकार नहीं किया. निजी स्तर पर उन्होंने यह माना कि संघ की मदद के बिना साढ़े तीन सौ सीटों का आंकड़ा पार करना मुश्किल था.

हालांकि, आरएसएस के बालासाहेब देवरस ने एक मौके पर कहा था कि इंदिरा गांधी बहुत बड़ी हिन्दू हैं और वह हिन्दुओं की बड़ी नेता बन सकती हैं. सिर्फ इतना ही नहीं आरएसएस ने अन्य कई मौकों पर भी इंदिरा गांधी का समर्थन किया, फिर चाहे वो न्यूक्लियर टेस्ट हो या फिर इमरजेंसी हो. इस किताब में ना सिर्फ इंदिरा गांधी बल्कि अटल बिहारी वाजपेयी, चंद्रशेखर समेत अन्य प्रधानमंत्रियों के बारे में भी कई खुलासे किए गए हैं.