Chhattisgarh Politics: छत्तीसगढ़ के कांकेर में एक फूड अफसर का कारनामा सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बना हुआ है. सेल्फी लेते वक्त जलाशय में गिरे मोबाइल फोन को ढूंढने के लिए फूड इंस्पेक्टर राजेश विश्वास ने जलाशय का पानी ही सुखा दिया.
इस मामले में कांकेर कलेक्टर ने अफसर को सस्पेंड कर दिया है. इस मामले से छत्तीसगढ़ की राजनीति फिर से गर्मा गई है. मामले को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बीच ट्वीट वॉर शुरू हो गया है.
फूड इंस्पेक्टर विवाद पर बघेल रमन का ट्वीट वॉर
दरअसल फूड इंस्पेक्टर की लापरवाही से हजारों एकड़ में खेती लायक पानी बरबाद हो गया. इसकी आलोचना करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कांग्रेस सरकार पर तंज कसा है. उन्होंने ट्विटर पर लिखा है कि दाऊ भूपेश बघेल की तानाशाही में अधिकारी प्रदेश को पुश्तैनी जागीर समझ बैठे हैं. आज भीषण गर्मी में लोग टैंकरों के भरोसे हैं, पीने तक के पानी की व्यवस्था नहीं है. वहीं अधिकारी अपने मोबाइल के लिए लगभग 21 लाख लीटर पानी बहा रहे हैं. इतने में डेढ़ हजार एकड़ खेत की सिंचाई हो सकती थी.
बघेल के आरोपों का सीएम ने दिया जवाब
इसके जवाब में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी ट्वीट किया है. मुख्यमंत्री ने अधिकारी को सस्पेंड करने की जानकारी देते हुए लिखा कि 2 बातें हैं डॉक्टर साहब. पहली ये कि अपने पद का दुरुपयोग करने का हक ‘नवा छत्तीसगढ़’ में किसी को नहीं है, जिस अधिकारी ने यह कृत्य किया है उसे निलंबित किया जा चुका है. वो दौर बीत गया जब लोग सत्ता में बैठकर फर्जी राशन कार्ड बनाते थे और अपने बेटे का ‘पनामा’ में खाता खुलवाते थे.
इसके आगे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने रमन सिंह पर अनोखे अंदाज में पलटवार करते हुए लिखा कि दूसरी बात ये है कि आज हमने मितान योजना में राशन कार्ड को जोड़ा है, अब 14545 पर फोन करके मितान को घर बुलाएं और घर बैठे ही राशन कार्ड बनवाएं. यह बहुत अच्छी शुरुआत है, इसको आप आगे 3 लोगों को बताएं और उनसे कहें कि वो भी आगे 3 लोगों को बताएं. जय छत्तीसगढ़.
फूड इंस्पेक्टर को कलेक्टर ने किया सस्पेंड
गौरतलब है कि पखांजूर के फूड इंस्पेक्टर राजेश विश्वास बीते रविवार को दोस्तों के साथ जलाशय पर पार्टी मनाने गए थे. इस दौरान सेल्फी लेते वक्त उनका मोबाइल फोन पानी में गिर गया जिसे ढूंढने के लिए अफसर ने जान लगा दी और डीजल पंप की मदद से जलाशय को खाली करवाया. ऐसा कर उन्होंने जलाशय का लगभग 21 लाख लीटर पानी बर्बाद कर दिया. ऐसा करने के लिए इंस्पेक्टर ने किसी अधिकारी से लिखित अनुमति नहीं ली थी. इसलिए कांकेर कलेक्टर प्रियंका शुक्ला ने उन्हें सस्पेंड कर दिया.