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रमन ने कहा- बस्तर की पहचान कभी नक्सलवाद से थी, अब बदल रही है ये पहचान

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जगदलपुर। मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने कहा है कि बस्तर में विकास चुनौती रहा है। यहां एक-एक इंच सड़क बनाने में बड़ी कीमत चुकानी पड़ी है। बस्तर देश का सबसे खूबसूरत इलाका है। यहां विकास करवट बदल रहा है। यहां अब नेट कनेक्टविटी है, रेल है, हाईवे और एयर कनेटविटी भी है। उन्होंने कहा कि अब बस्तर के लोहे से बस्तर में स्टील बनेगा। नक्सलियों ने बस्तर को 7 दिनों तक अंधेरे में रखा जिसे अब बदला गया है। नक्सलियों ने स्कूल तोड़े तो हमने पोटा केबिन बनाए। उन्होंने दंतेवाड़ा-बीजापुर को विकास का उदारहरण बताते हुए कहा कि नक्सलवाद का प्रभाव अब खत्म हो रहा है।

एक कार्यक्रम में जगदलपुर पहुंचे प्रदेश के मुख्यमंत्री ने कहा कि पुराने बस्तर में जो समस्याएं थी, उनका सरकार ने निराकरण किया है और एक नए युग के बस्तर में फिर बात हो रही है। मुख्यमंत्री के साथ इस कार्यक्रम में राज्यसभा के सांसद आरके सिन्हा, मंत्री केदार कश्यप, सांसद दिनेश कश्यप, विधायक संतोष बाफना और वरिष्ठ पत्रकार रमेश नैयर भी मौजूद थे। रमेश नैयर ने भी बस्तर को लेकर अपने अनुभव साझा किए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बस्तर की पहचान कभी नक्सलवाद से थी पर अब यह पहचान बदल रही है। माओवादियों को पीछे खदेड़ दिया गया है और इस काम में जनता के साथ पुलिस ने लगातार बेहतर काम किया है। 2007 की घटना याद करते हुए उन्होंने बताया कि कुछ साल पहले ही माओवादियों ने अबूझमाड़ में पावर लाइन तोड़ दी थी, जिसकी वजह से बस्तर 7 दिनों तक अंधेरे में डूबा रहा और सरकार कुछ नहीं कर पाई। इसी को ध्यान में रखते हुए कार्य योजना बनाई गई और अब ऐसा कोई भी इलाका नहीं है जहां व्यवस्थाएं माओवादी पूरी तरह से बाधित कर सकें।

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