इस विषय में अधिकारियों के बताया कि सोमवार रात जम्मू कश्मीर के बांदीपुरा के गुरेज सेक्टर में आतंकवादियों के घुसने की सूचना मिली थी।सेना ने रात को ही सर्च ऑपरेशन चलाया, जिसमें आतंकवादियों ने जवानों को करीब पाते ही गोलियों की बौछार शुरू कर दी।इस दौरान सेना के जवानों ने भी दो आतंकवादियों को मार गिराया था।
तभी अचानक दुश्मनो की तरफ से गोलीबारी होने लगी जिससे मनदीप शहीद हो गए।
मिली जानकारी के अनुसार मनदीप के पिता भी पूर्व सैनिक हैं और माता गृहणी है। मनदीप की बचपन से ही इच्छा सेना में जाने की थी इसलिए 12वीं पास करने के बाद ही साल 2012 में वह गढ़वाल राइफल में पदस्थ हो गया था। शहीद मनदीप की पहली पोस्टिंग 15वीं गढ़वाल राइफल्स में हुई थी। उसके बाद फौज में बेहतर प्रदर्शन करने के कारण उन्हें कोटद्वार के कौड़िया कैंप में पीटी प्रशिक्षक पद पर नियुक्ति दी गई। छह माह पहले ही उनकी तैनाती जम्मू-कश्मीर में 38वीं राष्ट्रीय राइफल्स में की गई थी।शोक में डूबे परिवार के मुखिया पिता बूथी सिंह को अपने बहादुर बेटे के आतंकवादियों से लोहा लेते हुए शहीद होने पर गर्व है।