अगहन महीना 9 नवंबर से शुरू हो गया था जो कि 8 दिसंबर तक रहेगा। इस महीने में सूर्योदय से पहले उठकर तीर्थ स्नान करने की परंपरा है। साथ ही इन दिनों में जरूरतमंद लोगों को दान देने का भी विधान ग्रंथों में बताया गया है।
इस पवित्र महीने में भगवान विष्णु, कृष्ण, सूर्य, देवी लक्ष्मी, तुलसी और पीपल के पेड़ की पूजा करने का भी महत्व पुराणों में बताया गया है। ऐसा करने से कई गुना पुण्य फल मिलता है और जाने-अनजाने में हुए पाप भी खत्म हो जाते हैं।
जानिए इस महीने किनकी पूजा करें
सूर्य पूजा: अग्नि पुराण के मुताबिक अगहन महीने में वरूण नाम के सूर्य की पूजा करनी चाहिए। सूर्य के इस रूप से मिलने वाली किरणों से इस धरती पर इंसानों सहित सभी जीवों का पोषण होता है। इनकी पूजा करने से बीमारियां दूर होती हैं और उम्र बढ़ती है। अगहन महीने की सप्तमी तिथि और रविवार इनकी पूजा के लिए खास दिन है।
लक्ष्मी पूजा: मार्गशीर्ष मास के गुरुवार को लक्ष्मी पूजा करने का विधान है। ग्रंथों के मुताबिक इस दिन देवी लक्ष्मी पृथ्वी पर आती हैं। इस दिन लक्ष्मी पूजा करने से सुख और समृद्धि बढ़ती है। पंचमी तिथि पर भी देवी की पूजा की जाती है।
विष्णु पूजा: अगहन मास में भगवान विष्णु की पूजा करने से अनंत गुना पुण्य फल मिलता है। इस महीने भगवान विष्णु को तिल के पानी और दूध से अभिषेक करना चाहिए। ऐसा करने से जाने-अनजाने में हुए पाप खत्म हो जाते हैं।
कृष्ण पूजा: मार्गशीर्ष मास के स्वामी भगवान श्रीकृष्ण है। इस महीने में कृष्ण के केशव रूप की पूजा करनी चाहिए। दूध में केसर मिलाकर शंख से केशव रूप का अभिषेक करने का विधान बताया गया है। इस तरह पूजा करने से मिलने वाला पुण्य कभी खत्म नहीं होता।
तुलसी पूजा: कार्तिक महीने के बाद अगहन में भी तुलसी पूजा करने का विधान बताया गया है। इस महीने में सुबह जल्दी जल चढ़ाने और शाम को गोधूलि वेला में तुलसी के पौधे के पास घी का दीपक लगाने से कई तरह के दोष दूर हो जाते हैं।