- जीएडी के सचिव डीडी सिंह ने कहा कि विभागों के बंटवारे की तैयारी पूरी हो गई
अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति विभाग और अन्य पिछड़ा वर्ग विभाग अलग-अलग होने के लिए तैयार हो चुके हैं। तीनों विभाग के संचालन के लिए अलग नियम बना लिए लिए गए हैं। सामान्य प्रशासन विभाग इनके कार्य आबंटन को लेकर ब्लू प्रिंट बना रहा है। फिर इसे संशोधन के लिए विधानसभा को भेजा जाएगा। वहां संशोधन अधिनियम पारित होगा।
जीएडी के सचिव डीडी सिंह ने कहा कि विभागों के बंटवारे की तैयारी पूरी हो गई है। अब केवल विधि विभाग से अंतिम मशविरा लेना है। बता दें कि 6 सितंबर को केबिनेट की बैठक में इन विभागों को अलग करने का फैसला किया था। राज्यपाल ने 7 अक्टूबर को ही इसका अनुमोदन भी कर दिया था। अब तक ट्राइबल विभाग के अंतर्गत सभी काम हो रहे थे। अब अनुसूचित जाति व अन्य पिछड़ा वर्ग के विभाग मंत्रालय में अलग से बैठने लगेंगे, लेकिन जिलों में सेटअप को लेकर कोई कवायद नहीं हुई है।
अभी क्या –
आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग में वर्तमान में चार आयोग, 4 विकास बोर्ड, 4 प्राधिकरण व 4 अल्पसंख्यक कल्याण संस्थाएं, 19 अनुसूचित जाति के लिए एकीकृत विकास परियोजना 6 पीयूटीसी के अभिकरण, 9 पीयूटीसी के प्रकोष्ठ इस तरह करीब 50 संस्थाएं संचालित हो रही हैं। अनुसूचित जाति के 43 और अनुसूचित जनजाति के 42 जाति समूहों पर अनुसंधान चल रहा है।
वर्जन एक्सपर्ट –
एसटी, एससी व ओबीसी तीनों वर्गों की शैक्षणिक, सामाजिक, आर्थिक व सांस्कृतिक परिस्थितियां अलग -अलग हैं। इन वर्गों का उत्थान इन बिंदुओं पर करने के लिए विशेषज्ञतापूर्ण प्रयास करने होंगे। साथ ही इनकी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए भी योजनाएं बनानी होंगी।