छत्तीसगढ़ : सरकार ने प्रदेश के 47 हजार 90 बेघर परिवारों को मकान देने का फैसला किया है. सीएम विष्णु देव साय ने कैबिनेट बैठक के दौरान इस फैसले पर मुहर लगाई है.
उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने बताया कि मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में मंगलवार को महानदी भवन में मंत्रिमंडल की बैठक आयोजित की गई.
इस बैठक में राज्य के जरूरतमंद 47 हजार 90 आवासहीन परिवारों को मुख्यमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत आवास देने का फैसला किया गया, जिसपर मंत्रिमंडल ने मुहर लगा दी है.
छत्तीसगढ़ में पिछले साल कांग्रेस शासन के दौरान सामाजिक-आर्थिक सर्वेक्षण कराया गया था. ये सर्वेक्षण राज्य के 59.79 लाख परिवारों का किया गया था, इनमें से 47 हजार 90 परिवारों को बेघर के रूप में पहचाना गया था. अब इन जरूरतमंद आवासहीन परिवारों को मुख्यमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत आवास देने का फैसला किया गया है.
अधिकारियों ने बताया कि छत्तीसगढ़ राज्य सामाजिक आर्थिक सर्वेक्षण के तहत 1 से 30 अप्रैल, 2023 तक राज्य में कुल 59.79 लाख परिवारों का सर्वेक्षण किया गया, जिनमें से 47 हजार 90 परिवार ऐसे पाए गए जो आवासहीन हैं, लेकिन उनका नाम सामाजिक आर्थिक और जातिगत जनगणना की स्थायी प्रतीक्षा सूची में नहीं. अधिकारियों के मुताबिक, ऐसे आवासहीन परिवारों को मुख्यमंत्री आवास योजना ग्रामीण से आवास देने का निर्णय लिया गया है.
उन्होंने बताया कि इसके साथ ही मंत्रिमंडल ने नवा रायपुर में आवासहीन, आर्थिक रूप से कमजोर और निम्न वर्ग के परिवारों को आवास मुहैया कराने के लिए पंजीकरण की तिथि में 3 वर्ष की वृद्धि करने का फैसला किया है. उन्होंने आगे बताया कि मंत्रिमंडल की बैठक में छत्तीसगढ़ शासन भण्डार क्रय नियम 2002 (संशोधित 2022) में संशोधन प्रारूप का अनुमोदन किया गया. दरअसल, राज्य सरकार ने शासकीय समानों की खरीद में गड़बड़ी और भ्रष्टाचार की रोकथाम के लिए यह फैसला लिया है.
मंत्रिमंडल ने सीएसआईडीसी के माध्यम से खरीद में भ्रष्टाचार की शिकायतों को देखते हुए इसके सभी ‘रेट कॉन्ट्रेक्ट’ को जुलाई माह के अंत तक निरस्त करने का निर्णय लिया है. उन्होंने बताया कि पूर्व सरकार ने ‘जेम पोर्टल’ से खरीद पर रोक लगा दी थी, लेकिन साय सरकार ने ‘जेम पोर्टल’ के माध्यम से खरीद की व्यवस्था को फिर से बहाल कर दिया है.