छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के दौरे के बाद एक आदिवासी संघ ने शासन-प्रशासन पर नाराजगी जताई है. आदिवासी संघ ने कहा कि क्या आदिवासी किसी मेहमान के आगमन पर सिर्फ रोड पर नाचने के लिए ही बने हैं. उन्हें अपनी बातें रखने का अधिकार नहीं है. शासन प्रशासन ने आखिर क्यों आदिवासी समाज के लोगों को राष्ट्रपति से मिलने नहीं दिया. इसके पीछे क्या मंशा हो सकती है.
बता दें कि राष्ट्रपति 25 व 26 जुलाई को बस्तर प्रवास पर थे. अपने प्रवास के पहले दिन राष्ट्रपति ने बस्तर संभाग के दंतेवाड़ा में विभिन्न कार्यक्रमों में शामिल हुए और शाम को जगदलपुर लौट गए. राष्ट्रपति के दौरे के बाद गुरुवार को महार आदिवासी समाज ने एक प्रेस कॉंफ्रेंस ली. इसमें आदिवासी समाज के लोगों ने शासन प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए.
आदिवासी सर्व समाज के नेता सूरेश कर्मा का आरोप है कि राष्ट्रपति से एक ही राजनीतिक पार्टी के लोगों की मुलाकात करवाई गई. दंतेवाड़ा में निवासरत जनजातीय समुदाय के प्रतिनिधि मंडल सर्व आदिवासी समाज राष्ट्रपति से मिलना चाहता था. राष्ट्रपति से मिलकर समाजिक विकास और समस्याओं का ज्ञापन सौंपना चाहता था, लेकिन प्रशासन ने इसकी अनुमति नहीं दी. इससे समाज के लोगों में आक्रोश है.