पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी यानी पीएफआरडीए (PFRDA) ने नेशनल पेंशन स्कीम यानी एनपीएस (NPS) से 65 साल की आयु के बाद जुड़ने वाले अंशधारकों के लिए इसे और आकर्षक बनाया है. इसके तहत ऐसे लोगों को अपने 50 फीसदी तक फंड को इक्विटी या शेयरों के लिए आवंटित करने की अनुमति दी गई है. साथ ही वरिष्ठ नागरिकों के लिए बाहर निकलने के नियमों को आसान किया गया है.
एनपीएस से जुड़ने की आयु को 65 से बढ़ाकर 70 साल किए जाने के बाद पीएफआरडीए ने प्रवेश और बाहर निकलने के नियमों को संशोधित किया है. एनपीएस में प्रवेश की आयु को 18-65 से संशोधित कर 18-70 किया गया है. संशोधित गाइडलाइंस पर पीएफआरडीए के सर्कुलर के अनुसार, 65-70 आयु वर्ग में कोई भी भारतीय नागरिक या विदेशों में बसा भारतीय नागरिक (OCI) एनपीएस से जुड़ सकता है. वह इस योजना के साथ 75 साल की उम्र तक जुड़ा रह सकता है.
ऑटो च्वाइस के तहत अधिकतम 15 फीसदी तक निवेश
सर्कुलर में कहा गया है कि जिन अंशधारकों ने अपने एनपीएस खाते को बंद कर दिया है, वे भी आयु में बढ़ोतरी के नियमों के अनुरूप नया खाता खोल सकते हैं. पीएफआरडीए ने कहा है कि यदि कोई अंशधारक 65 साल की उम्र के बाद एनपीएस से जुड़ता और डिफॉल्ट ऑटो च्वाइस के तहत निवेश का फैसला करता है, तो उसे शेयरों में सिर्फ 15 फीसदी तक का ही निवेश करने की अनुमति होगी.
एकमुश्त 60 फीसदी राशि को निकाला जा सकता है
एनपीएस से 65 साल की उम्र के बाद जुड़ने वाले अंशधारकों के लिए सर्कुलर में कहा गया है कि उन्हें सामान्य तौर पर तीन साल के बाद बाहर निकलने की अनुमति होगी. पीएफआरडीए ने कहा कि अंशधारक को ‘एन्यूइटी’ की खरीद के लिए कम से कम 40 फीसदी फंड का इस्तेमाल करना होगा. शेष राशि को एकमुश्त निकाला जा सकता है.
पूरा निकाला जा सकता है 5 लाख से कम का कॉर्पस
यदि अंशधारक का फंड पांच लाख रुपये या इससे कम है तो वह पूरी जोड़ी गई पेंशन को एकमुश्त निकाल सकता है. पीएफआरडीए ने कहा कि तीन साल से पहले एनपीएस से बाहर निकलने को ‘प्रीमैच्योर एक्जिट’ माना जाएगा. इसमें अंशधारक को ‘एन्यूइटी’ के लिए कम से कम 80 फीसदी फंड का इस्तेमाल करना होगा. यदि अंशधारक समय से पहले एनपीएस से निकलना चाहता है और उसका फंड 2.5 लाख रुपये से कम है, तो वह जोड़ी गई पूरी राशि को एक बार में निकाल सकता है.