देशभर के करीब 75 लाख शिक्षकों के टीकाकरण को लेकर सरकार ने निजी अस्पतालों के एसोसिएशन एएचपीआई यानी एसोसिएशन ऑफ हेल्थकेयर प्रोवाइडर्स को संभावना तलाशने के लिए कहा है. केंद्र ने कहा है कि अलग-अलग कम्पनियों से सीएसआर के तहत पैसे जुटाएं और अपने देशभर के निजी अस्पताल के नेटवर्क में उनका मुफ्त में टीकाकरण करें. ऐसा इसलिए है जिससे कि स्कूल खुलने से पहले शिक्षकों का पूरी तरह से वैक्सीनेशन हो सके.
जानकारी के मुताबिक देशभर में तकरीबन डेढ़ करोड़ शिक्षक हैं, जिनमें से करीब आधे शिक्षकों का टीकाकरण हो चुका है. एएचपीआई ने एमेजॉन समेत 6 कंपनियों को सीएसआर फंड के लिए अप्रोच किया है, जिसमें से तीन ने फिलहाल हामी भरी है. सरकार की कोशिश है कि निजी अस्पताल अपने 25% टीके का पूरा इस्तेमाल भी करें और शिक्षकों के टीकाकरण में उनका पैसा भी न लगे.
एसोसिएशन ऑफ हेल्थकेयर प्रोवाइडर्स (AHPI) के महानिदेशक गिरधर ज्ञानी ने कहा, ‘डॉक्टर विनोद कुमार पॉल ने एक सुझाव दिया कि क्योंकि AHPI के पास हॉस्पिटल का बड़ा नेटवर्क है, तो क्यों ना ये अस्पताल मिलकर हमारे स्कूल टीचर का वैक्सिनेशन प्रोग्राम लॉन्च करें. वैक्सीनेशन सीएसआर एक्टिविटी का पार्ट है, तो क्यों न AHPI एप्रोच करे उन डोनर्स को जो ये फंड दे सकें.’
दरअसल, चौथे सीरो सर्वे के नतीजों के बाद से स्कूल खोलने की बात ज़ोर पकड़ने लगी थी क्योंकि बच्चों में अच्छी खासी संक्रमण की पुष्टि हुई और ऐसे में उनपर ज़्यादा खतरा नहीं. नीति आयोग के सदस्य डॉ. वीके पॉल ने कहा, सारी कोशिश इस बात के लिए है कि सभी को वैक्सीन लगे. शिक्षको को वैक्सीन लगे और स्कूल खुले. उसी में एक सुझाव है कि सीएसआर फंड का इस्तेमाल शिक्षकों को वैक्सीन लगाने में हो.’