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टीएस मामले में बोले बृहस्पत – सदन में जो कहा वह रिकॉर्डेड, पार्टी फोरम में रखूंगा बात

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कांग्रेस विधायक बृहस्पत सिंह का स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव के साथ विवाद अभी थमा भी नहीं था कि बृहस्पत अब दूसरे विवाद में उलझते नजर आ रहे हैं। भाजपा के राज्यसभा सदस्य रामविचार नेताम ने बृहस्पत सिंह को दो टूक लहजे में पूछा है कि आपने मंत्री से तो माफी मांग ली। मुझसे माफी कब मांगेंगे? अगर माफी नहीं मांगेंगे तो मैं आपके खिलाफ मानहानि का दावा करूंगा। दूसरी ओर बृहस्पत सिंह टीएस सिंहदेव से माफी और खेद को लेकर भी अपने बयानों से उलझन बढ़ा रहे हैं। बृहस्पत सिंह के सदन में खेद प्रकट कए जाने के बाद यह कहा जा रहा है कि उन्होंने माफी नहीं मांगी।

इस बीच हरिभूमि से चर्चा में विधायक बृहस्पत सिंह ने कहा है कि जो कहा वह सदन में रिकॉर्डेड है। उसकी पुष्टि के लिए हमने जवाब में भी उसी बात को प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में लिखित में सौंप दिया है। गतिरोध थमने के सवाल पर उन्होंने कहा कि जो भी है उस पर पार्टी फोरम में बात करेंगे। इधर भाजपा राज्यसभा सांसद रामविचार नेताम ने पूछा है कि हमारे मामले में बृहस्पत कब खेद प्रकट करेंगे? बृहस्पत व टीएस विवाद के बाद अब राज्यसभा सांसद रामविचार नेताम ने मोर्चा खोल दिया है। बता दें कि इस मामले को लेकर आने वाले दिनों में बृहस्पत सिंह की उलझनें और बढ़ सकती हैं।

मंत्री जानें किस नजरिए से किया स्वीकार

रामविचार नेताम ने कहा कि रामानुजगंज क्षेत्र के वर्तमान विधायक बृहस्पत सिंह कभी तत्कालीन कलेक्टर कभी राज्यसभा सांसद और कभी मंत्री को कह देते हैं कि ये मेरी हत्या करवाना चाहते हैं। इस पर विधायक और मंत्री के समक्ष व विधानसभा में स्वीकारते है कि मैने भावावेश में कह दिया था। अब खेद प्रगट करता हूं। यह कह कर प्रायोजित घटनाचक्र का पटाक्षेप करते हुए राज्य सरकार की गरिमा व मर्यादा को चोट भी पहुंचाते हैं। अब मंत्री जानें कि उन्हाेंने बृहस्पत के खेद को किस नजरिए से स्वीकार किया है।

खेद प्रकट करें, अन्यथा तैयार रहें

श्री नेताम ने कहा कि आज से कुछ महीने पहले विधायक ने सार्वजनिक रूप से बयान दिया था कि सार्वजनिक यज्ञ कराकर रामविचार नेताम मेरी हत्या करवाना चाहते हैं। इसके फलस्वरूप मेरे व मेरे समर्थकों द्वारा कड़ी आपत्ति दर्ज करने पर विधायक से सार्वजनिक माफीनामा या खेद प्रकट किए जाने की बात कही थी। इसके बाद घटना पर आज तक उनका जवाब अपेक्षित है। मामले पर उन्हें अविलंब मेरे समक्ष सार्वजनिक रूप से लगाए गए आरोपों पर खेद प्रकट करना चाहिए या मानहानि के मुकदमे के लिए तैयार रहना चाहिए।