नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने छत्तीसगढ़ विधानसभा में पेश हुए महालेखाकार वर्ष 2019-20 की स्टेट फाइनेंस रिपोर्ट में आए तथ्यों का हवाला देते हुए कहा कि कैग की रिपोर्ट छतीसगढ़ की आर्थिक बदहाली का जीता जागता सबूत है। ऐसा कोई भी पैरामीटर नहीं है जो नकारात्मक न हो सभी आंकड़े अपनी तय सीमा से काफी आगे जा चुके हैं।
श्री कौशिक ने कहा है कि किसी भी निर्वाचित सरकार का उद्देश्य होता है अपनी आय के स्रोतों को बढ़ाना ताकि जनहित के कार्यों में खर्च बढ़ाया जा सके लेकिन प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने उल्टा किया है। आय को घटाकर व्यय को बढ़ाया है। उन्होंने कहा है कि सरकार का वित्तीय घाटा वर्ष 19-20 में 17969.55 करोड़ हो गया जो अब तक के इतिहास में सबसे ज्यादा घाटा है।
यह घाटा प्रदेश की जीएसडीपी का अधिकतम 3.5 फीसदी होना चाहिए लेकिन यह 5.46 जा पहुंचा है। इसके दूरगामी परिणाम बहुत घातक हैं। प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने राजस्व व्यय में ऐतिहासिक वृद्धि की है पिछले वर्ष की तुलना में यह व्यय 9066.14 करोड़ ज्यादा है जबकि विकास के लिए किए जाने वाले पूंजीगत व्यय में भारी कमी हुई है जिससे प्रदेश में अधोसंरचना व विकास के काम पूरी तरह बाधित हैं।
उन्होंने कहा कि प्रदेश की सरकार वित्तीय प्रबंधन में पूरी तरह फेल है जहां पैसा लगाया वहां से केवल .03 प्रतिशत रिटर्न आया और कर्जे पर सरकार ने औसत 6.83 प्रतिशत ब्याज पटाया है। यह किसी भी सरकार के लिए आर्थिक दिवालिया होने का पहला कदम हो सकता है और कांग्रेस सरकार उसी रास्ते पर अग्रसर है।
प्रदेश सरकार का कैश बैलेंस भी पिछले वर्ष की तुलना में 881.28 करोड़ घटा है जो बेहद चिंताजनक है। नेता प्रतिपक्ष ने कहा है कि कोई ऐसा आंकड़ा नहीं है जो प्रदेश के लिए सकारात्मक हो और अगर अब भी कांग्रेस सरकार नहीं जागती तो प्रदेश को आर्थिक दिवालियापन से नहीं बचाया जा सकता है। इसके लिए पूरी तरह से कांग्रेस सरकार की आर्थिक नीति जिम्मेदार होगी।