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कोवैक्सीन का पहल डोज:78 साल के बुजुर्ग को पहला टीका, 2 घंटे में 80 टीके, कोई साइड इफेक्ट नहीं

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नेहरू मेडिकल काॅलेज की मेन बिल्डिंग के चौथे माले पर कक्ष क्रमांक 10… प्रदेश में सिर्फ इसी जगह पहली बार लोगों को कोवैक्सीन के टीके लगना शुरू हुए। इस बूथ पर दोपहर 2 बजे तक नई वैक्सीन लगवाने के लिए बुजुर्गों के साथ-साथ युवा भी पहुंचे थे।

चूंकि कोविशील्ड के टीके खत्म नहीं हुए, इसलिए सबको इंतजार करना पड़ा। लंच टाइम में नई वैक्सीन के वायल इस बूथ पर पहुंचे। दोपहर पौने 3 बजे शंकरनगर के 71 साल के बुजुर्ग कौशल परसाई को वैक्सीनेशन रूम में ले जाया गया।

वे प्रदेश के पहले शख्स हैं, जिन्हें कोवैक्सीन लगी। टीका लगाने के बाद उन्हें आब्जर्वेशन सेंटर पहुंचाया गया। अाधा घंटे तक डाक्टरों ने निगरानी रखी। पूछा गया कि कोई दिक्कत तो नहीं। उन्होंने कहा कि सब सामान्य से, तब सबने राहत की सांस ली और उन्हें घर जाने के लिए कहा गया। इसके बाद दो घंटे में 80 लोगों को कोवैक्सीन लगा दी गई। सभी की आधा घंटे निगरानी की गई, लेकिन किसी ने कोई शिकायत नहीं की।

राजधानी में कोवैक्सीन की खेप महीनेभर पहले आ गई थी, लेकिन तीसरे फेस का ट्रायल नहीं होने की वजह से राज्य शासन ने इन टीकों का इस्तेमाल रोक रखा था। दो दिन पहले ट्रायल के नतीजे मिले, तब सोमवार से इस वैक्सीन को भी लगाने का फैसला लिया गया। सारी तैयारी के बावजूद एकमात्र बूथ पर भी यह टीका सुबह की पाली में नहीं लग पाया। भास्कर ने डाक्टरों से बात की तो उन्होंने बताया कि इस बूथ में कोविशील्ड के पहले से रखे डोज खत्म नहीं हुए थे। इसे पहले खत्म करना था, तभी कोवैक्सीन लगती। इसे खत्म होने में दोपहर हो गई, इसलिए कोवैक्सीन के टीके दो घंटे ही लग पाए।

कोविशील्ड खत्म होते ही लाए टीके
इस सेंटर में कोविशील्ड के पूरे डोज दोपहर 2 बजे खत्म हुए। इसके तुरंत बाद स्टेट वैक्सीन स्टोर से कोवैक्सीन टीके लाए गए। लंच के बाद इसके टीके लगने थे, लेकिन कुछ देर और इंतजार करना पड़ा। वजह यह थी कि कोवैक्सीन के एक वायल में 20 डोज रहते हैं। जब तक 20 लोग इकट्ठा नहीं होते, वायल खोल नहीं सकते थे। 20 लोग हो जाएं, इसके लिए पहले दिन पहुंचे लोगों को थोड़ा इंतजार भी करना पड़ा। पौने 3 बजे शंकरनगर के बुजुर्ग को इसका पहला टीका लगा। डाक्टरों ने बताया कि वे सामान्य हैं, इसलिए 28 दिन बाद इसी वैक्सीन का दूसरा डोज दिया जाएगा।

बुजुर्ग बोले-कोई दिक्कत नहीं
बुजुर्ग कौशल परसाई साढ़े 3 बजे तक वैक्सीनेशन बूथ में ही रहे। ऑब्जरवेशन के दौरान डाक्टरों ने पूछा तो उन्होंने कहा – किसी तरह की कोई तकलीफ नहीं है। चूंकि पहली बार कोवैक्सीन दवा का इस्तेमाल किया गया इसलिए भी हेल्थ विभाग और मेडिकल कॉलेज की टीम उन्हें बारीकी से ऑब्जर्व करती रही।

हेल्पलाइन 7869019063
हेल्थ विभाग ने कोवैक्सीन, कोविशील्ड या कोई भी टीका लगाने के बाद असहजता महसूस होने पर संपर्क के लिए हेल्पलाइन नंबर 7869019063 जारी कर रखा है। यह नंबर नया नहीं है और डाक्टरों ने बताया कि इसी पर संपर्क किया जा सकता है। इस नंबर पर काॅल करने से डॉक्टरों की सलाह मिलेगी। अस्पताल में भर्ती करवाना हो तो इसी के जरिए व्यवस्था हो जाएगी।
दिनभर में ज्यादा टीके लगेंगे
रूम नंबर 10 के वैक्सीनेशन अधिकारी डॉ. नरेश साहू के मुताबिक केवल दो घंटे में ही 80 लोगो को टीके लगाए गए। एक वायल में 20 टीके रहते हैं। पहले दिन पूरे 4 वायल इस्तेमाल हुए। पूरे दिन टीके लगेंगे तो इससे ज्यादा ही होंगे। कोवैक्सीन का पहला टीका लगाने वाली टीम में डॉ. नरेश, मंजू साहू, हेमलता साहू, विक्रांत दास, सीता साहू, भुवनेश्वरी निर्मलकर और मनीष तैनात थे।