ऑनलाइन, खासकर मोबाइल बैंकिंग के इस्तेमाल के मामले में छत्तीसगढ़ अब देश के उन बड़े राज्यों में शामिल हो गया, जहां इसका उपयोग करनेवाले ज्यादा हैं। राज्यस्तरीय बैंकर्स समिति की ताजा रिपोर्ट के अनुसार केवल 4 साल में प्रदेश में मोबाइल बैंकिंग का उपयोग करनेवालों की संख्या 581 प्रतिशत बढ़ गई है। प्रदेश में 2016 में मोबाइल बैंकिंग करनेवाले 644306 (करीब साढ़े 6 लाख) लोग ही थे। जून-2020 तक की स्टडी के बाद जारी की गई रिपोर्ट के मुताबिक यह संख्या बढ़कर 4390574 (करीब 44 लाख) हो गई है। इसलिए यह भी माना जा रहा है कि मोबाइल बैंकिंग के बढ़ते उपयोग के कारण ऑनलाइन धोखाधड़ी या साइबर ठगी भी बढ़ गई है।
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कोरोना से बढ़ी ऑनलाइन बैंकिंग
लॉकडाउन और कोरोना में ऑनलाइन बैंकिंग का क्रेज और बढ़ गया है। नोट और मशीनों को छूने से संक्रमण के खतरे की वजह से भी इस साल लोगों ने ऑनलाइन बैंकिंग सेवाएं बड़ी संख्या में लोगों ने अपने फोन पर शुरू कर दी हैं। यही नहीं, दुकानों में भी पीओएस मशीनों की संख्या 450 प्रतिशत बढ़ गई है। 2016 में केवल 17670 दुकानों में ही पीओएस मशीन लगी थी, लेकिन अब यह मशीनें करीब एक लाख (97273) दुकानों में हैं।
नियमों में ढील के कारण क्रेडिट कार्ड लेने वाले बढ़े
आमतौर पर क्रेडिट कार्ड को लेकर कई तरह के भ्रम हैं, इसलिए लोग इससे बचते भी हैं लेकिन छत्तीसगढ़ में ऐसा नहीं है। बैंकों की संख्या ज्यादा होने और नियमों में ढील की वजह से यहां क्रेडिट कार्ड लेने वालों की संख्या 270 प्रतिशत बढ़ी है। 2016 में केवल 86814 लोगों के पास ही क्रेडिट कार्ड था। अब प्रदेश में 32 लाख से ज्यादा लोगों के पास क्रेडिट कार्ड है। बैंक अफसरों का कहना है कि पहले क्रेडिट कार्ड के नियम सख्त थे, यह किसी को इश्यू नहीं किया जाता था, लेकिन अभी सामान्य तरीके से लिमिट के साथ कार्ड इश्यू हो रहे हैं। ऐसे में लोगों को तय समय की उधारी भी मिल जाती है, इसलिए क्रेडिट कार्ड का उपयोग बढ़ा है।
ऑनलाइन बैंकिंग यूजर की संख्या हर साल हो रही दोगुनी
“बैंकिंग को आसान करने के लिए बैंकों ने ऑनलाइन बैंकिंग की सुविधाएं अपग्रेड की हैं। इसीलिए इनका उपयोग हो रहा है। अभी प्रदेश में ऑनलाइन बैंकिंग यूजर की संख्या हर साल दोगुनी हो रही है