छत्तीसगढ़ शासन के सामान्य प्रषासन विभाग द्वारा अंग्रेजी में अधिसूचित अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के नामों का हिन्दी में उच्चारणगत विभेद करने के संबंध में निर्देष जारी किए गए हैं। कलेक्टर श्रीमती किरण कौषल द्वारा जिले के सभी अनुविभागीय राजस्व अधिकारी, तहसीलदार एवं नायब तहसीलदारों को शासन द्वारा जारी निर्देषों के अनुरूप कार्यवाही सुनिष्चित करने निर्देषित किया गया है।
छŸाीसगढ़ राज्य के लिए भारत सरकार द्वारा अंग्रेजी भाषा लिपि में अधिसूचित की गई अनुसूचित जनजातियों एवं अनुसूचित जातियों में स्थानीय बोली के कारण उच्चारणगत, लेखन, ध्वन्यात्मक शब्दों को मान्य किया गया है। अंग्रेजी में अधिसूचित अनुसूचित जनजाति एवं अनुसूचित जाति नामों का हिन्दी में उच्चारणगत विभेद मान्य करने के संबंध में जारी निर्देषानुसार अनुसूचित जनजाति के सूची में क्रमांक 5 पर बीएचयूआईएनएचएआर को भुइहर और भुइंहर कहा गया है। इसी प्रकार क्रमांक 5 में ही बीएचएआरआईए को भरिया, भारीया, क्रमांक 5 मंे ही बीएचयूएमआईए, बीएचयूएमआईवाईए, बीएचयूएमआईए को भुईया, भुईयां, भुय्या, भूईया, भूईयाँ, भूयाँ, भूय्या, भियां, क्रमांक 5 में पीएएनडीओ को पंडो, पण्डो, पन्डो इसी प्रकार क्रमांक 9 में बीएचयूएनजेआईए को भुजिया, क्रमांक 10 में बीआईएआर, बीआईवाईएआर को ब्यार, क्रमांक 14 में डीएचएएनडब्ल्यूएआर को धनुवार, धनुहार, क्रमांक 15 में जीएडीएबीए, जीएडीबीए को गदबा, क्रमांक 16 में जीओएनडी को गोंड़, गोड़, डीएचयूएलआईए को ढुलिया, ढोलिया, ढोलीया, डीओआरएलए को दोरला, केएएनडीआरए को कंड़रा, कंडरा, कड़ंरा, एनएजीडब्ल्यूएएनएसएचआई को नगवंसी, नगवन्सी, नगबंसी, नगावासी, नगवंषी, नागबंषी, नगबंषी, नंगवसी, नागबंसी, नगवसी, नागवंसी, नांगवसी, नगबासी, नगबन्सी, नागवन्सी, नागबंसि, नागबसि, नगबसी, क्रमांक 17 में एचएएलबीए को हल्बा, हल्वा, क्रमांक 20 में टीएएनडब्ल्यूएआर को तंवर, तवर, क्रमांक 21 में केएचएआईआरडब्ल्यूएआर को खेरवार, खरवार, क्रमांक 23 में केओएचडीएच को कोंद, कोन्द, क्रमांक 27 में केओडीएकेयू को कोड़ाकू, क्रमांक 28 में एमएजेएचआई को माझी, क्रमांक 33 में डीएचएएनजीएडी को धांगड, क्रमांक 35 में पीएटीएचएआरआई को पठारी, क्रमांक 41 में एसएडब्ल्यूएआरए को सौरा, सौवरा, सौंरा, संवरा, सहरा, सौंवरा तथा अनुसूचित जाति के क्रमांक 1 में एयूडीएचइएलआईए को औढेलिया, अढ़ोलिया, अढौलिया, अढ़ोरिया कहा जाता है। इसी प्रकार क्रमांक 11 डीएचएआरकेएआर को धरिकार, क्रमांक 13 में सीएचएडीएआर को चंडार, चंड़ार, चडार, चन्डार, चैंडार, चण्डार, क्रमांक 24 जीएएनडी को गाड़ा, गांडा, गॉडा, गाडा एवं एमएएचएआर को महरा, माहरा, महारा, माहारा कहा जाता है। इस संबंध में विस्तृत जानकारी सहायक आयुक्त आदिवासी कार्यालय अम्बिकापुर से प्राप्त की जा सकती है।
समाचार क्रमांक 107/2018