दो राज्यों को जोड़ने वाली महाराष्ट-छत्तीसगढ़ अंतर्राज्यीय सड़क निर्माण में फंड की अधूरी मंजूरी ने आम लोगों की समस्या बढ़ा दी है। मामला केंद्र में जाकर लंबे समय से अटक गया है। सड़क निर्माण शुरू होने से पहले राज्य सरकार ने विभागीय सर्वे के आधार पर साढ़े सात करोड़ रुपये राशि स्वीकृत की थी और काम भी शुरू हो गया था, लेकिन फिर राशि बढ़ाने के नाम पर काम रुक गया। अब 5 करोड़ अतिरिक्त राशि की मांग की जा रही है।
हालात ये हैं कि ठेकेदार ने आधा अधूरा काम छोड़ दिया है। सड़क खुदी हुई हैं और सड़कों पर बोल्डर ही बोल्डर नजर आ रहे हैं, जिससे 15 किलोमीटर का सफर भी घंटों में पूरा हो पाता है। अधिकारी अधूरी मंजूरी पूरी होने के बाद ही काम शुरू करने की बात कह रहे हैं।
अधिकारियों की माने तो इस मामले में सर्वे टीम की लापरवाही सामने आई है। कांग्रेस नेता केंद्र पर आरोप लगा रहे हैं। तो भाजपा नेता सीधा इसे कमीशन का खेल बता रहे हैं। वहीं स्थानीय लोगों ने शनिवार से आंदोलन और भूख हड़ताल में बैठने की चेतावनी दी है।