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Sant Ghira Guru University Ambikapur: कुलपति की छुट्टी के बाद नए पाठ्यक्रमों को भूला प्रबंधन

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विश्वविद्यालय प्रबंधन वर्तमान मे इंजीनियरिंग कॉलेज को स्वामी विवेकानंद तकनीकी विश्वविद्यालय को हस्तांतरित करने के काम में जुटा है।

अम्बिकापुर। संत गहिरा गुरु विश्वविद्यालय अंबिकापुर में विद्यार्थियों को रोजगारपरक शिक्षा उपलब्ध कराने के नाम पर प्रस्तावित किए गए पांच नए पाठ्यक्रमों को भी विश्वविद्यालय प्रबंधन अब भूल गया है। कुलपति की छुट्टी होने के साथ ही इन प्रस्तावित नए पाठ्यक्रमों के आरंभ करने कामामला भी अधर में लटक गया है।

विश्वविद्यालय प्रबंधन वर्तमान मे इंजीनियरिंग कॉलेज को स्वामी विवेकानंद तकनीकी विश्वविद्यालय को हस्तांतरित करने के काम में जुटा है। इंजीनियरिंग कालेज के सारे संसाधनों और अधिकारियों कर्मचारियों के संबंध में जानकारी एकत्रित की जा रही है, ताकि इंजीनियरिंग कॉलेज को व्यवस्थित तरीके से स्वामी विवेकानंद तकनीकी विश्वविद्यालय भिलाई के अधीन किया जा सके।

इन नए पाठ्यक्रमों का था प्रस्ताव

संत गहिरा गुरु विश्वविद्यालय सरगुजा के तत्कालीन कुलपति प्रोफेसर रोहिणी प्रसाद ने विद्यार्थियों को रोजगारपरक शिक्षा उपलब्ध कराने के नाम पर पांच नए पाठ्यक्रमों का प्रस्ताव रखा था। जिसमें बीएएलएलबी, बीबीए एलएलबी, पर्यावरण विज्ञान में एमफिल के अलावा फंक्शनल हिंदी और बुद्धिस्ट फिलॉसफी शामिल था। इन 5 पाठ्यक्रमों के अलावा एम फार्मा का पाठ्यक्रम संचालित करने की भी योजना पर काम आरंभ हो चुका था।

पिछले एक वर्ष से नए पाठ्यक्रमों को लेकर विश्वविद्यालय अनुदान आयोग से चर्चा चल रही थी। स्थानीय स्तर पर युवाओं में भी नए उत्साह का संचार हुआ था कि नए पाठ्यक्रम संचालित होने से उन्हें बाहर जाकर पढ़ाई करने से मुक्ति मिलेगी, लेकिन कुलपति की विदाई के साथ ही इन पाठ्यक्रमों की भी छुट्टी हो चुकी है। संत गहिरा गुरु विश्वविद्यालय की स्थापना के बाद से ही विश्वविद्यालय शिक्षण विभाग में जिन पाठ्यक्रमों को आरंभ किया गया था। उनमें एक भी नए पाठ्यक्रम आज तक नही बढ़ाये गए है।

विश्वविद्यालय शिक्षण विभाग में संचालित पाठ्यक्रमों में सीटें भी कम है। 5 जिलों में विश्वविद्यालय का कार्यक्षेत्र है उस अनुरूप वर्तमान समय की जरूरत के हिसाब से विश्वविद्यालय शिक्षण विभाग में ही नए पाठ्यक्रम आरंभ किए जाने की आवश्यकता लंबे समय से महसूस की जा रही है, लेकिन प्रबंधन स्तर पर अब सारी गतिविधियां ठप हो चुकी है। ना तो स्नातक और ना ही स्नातकोत्तर स्तर की रोजगार मूलक पाठ्यक्रमों को आरंभ कराने की कोई योजना पर काम चल रहा है।

प्रबन्धन को लगा है तगड़ा झटका

विश्वविद्यालय इंजीनियरिंग कॉलेज को स्वामी विवेकानंद तकनीकी विश्वविद्यालय से संबद्ध कर दिए जाने से संत गहिरा गुरु विश्वविद्यालय प्रबंधन को तगड़ा झटका लगा है। फंडिंग के मामले में इंजीनियरिंग कॉलेज संत गहिरा गुरु विश्वविद्यालय का सशक्त आधार था। राज्य व केंद्र सरकार की विभिन्न् योजनाओं के तहत इंजीनियरिंग कॉलेज को हर वर्ष राशि आवंटित की जाती थी।

परियोजना मूलक कार्यों के लिए भी पर्याप्त बजट का प्रावधान किया जाता था। विद्यार्थियों से बड़ी राशि शुल्क के रूप में विश्वविद्यालय को मिलती थी। अब यह सारी गतिविधियां स्वामी विवेकानंद तकनीकी विश्वविद्यालय भिलाई से संचालित होंगी। जिस कारण प्रबंधन को राजस्व के मामले में सीधा नुकसान हुआ है, लेकिन इस निर्णय से सीधा फायदा विद्यार्थियों को हुआ है।