ब्रसेल्स. ब्रिटेन 47 साल तक यूरोपीय संघ का सदस्य रहने के बाद शुक्रवार रात आखिरकार इससे अलग हो गया. इस फैसले के साथ ही ब्रिटेन यूरोपीय यूनियन (European union) से बाहर होने वाला दुनिया का पहला देश बन गया है. ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन (Britain Prime Minister Boris Johnson) ने ने ब्रेक्जिट के ठीक पहले अपने संबोधन में इस ऐतिहासिक क्षण को एक नई सुबह करार दिया. जॉनसन ने एक वीडियो संदेश में कहा कि यह एक ऐसा क्षण है जब एक नई सुबह की शुरुआत होती है.
बता दें कि यूरोपीय संसद में ब्रेक्ज़िट (Brexit) समझौते के पक्ष में 621 मत पड़े थे, जबकि खिलाफ में 49 वोट पड़े थे. इसी के साथ ईयू से ब्रिटेन की विदाई को मंज़ूरी दे दी गई थी. ब्रिटेन के यूरोपीय यूनियने से बाहर होने से पहले इस पर काफी बहस भी हुई. बहस के दौरान कई मिली-जुली टिप्पणियां की गईं, जिसमें कुछ ने देश को आगामी व्यापार वार्ता के दौरान बहुत अधिक रियायतें नहीं मिलने की चेतावनी दी. जॉनसन ने पिछले साल के अंत में ईयू के 27 अन्य नेताओं के साथ वार्ता के बाद इस समझौते को अंतिम रूप दिया था.
भारतीय कंपनियों पर पड़ेगा इसका असरब्रिटेन के यूरोपियन यूनियन से अलग होने पर एक्सपर्ट्स का कहना है कि ब्रिटेन में 800 से ज्यादा भारतीय कंपनियां हैं, जो करीब सवा लाख लोगों को रोजगार देती हैं. इनमें से आधे से अधिक लोग केवल टाटा समूह की ही पांच कंपनियों में काम करते हैं. एक्सपर्ट्स का मानना है कि ब्रेक्जिट के बाद ब्रिटेन की करेंसी पाउंड में गिरावट की आशंका है. ऐसे में जो भारतीय कंपनियों का ब्रिटेन से अपने कारोबार कर रही हैं. उनके मुनाफे पर इसका असर होगा.
क्या है ब्रेक्जिट
ब्रेक्जिट का मतलब है ब्रिटेन एक्जिट यानी ब्रिटेन का यूरोपीय यूनियन से बाहर जाना. यूरोपीय यूनियन में 28 यूरोपीय देशों की आर्थिक और राजनीतिक भागीदारी है. द्वितीय विश्व युद्ध के बाद आर्थिक सहयोग बढ़ाने के लिए यूरोपीय संघ का निर्माण हुआ था. इसके पीछे सोच थी कि जो देश एक साथ व्यापार करेंगे वो एक दूसरे के खिलाफ युद्ध करने से बचेंगे. यूरोपीय यूनियन की अपनी मुद्रा यूरो है, जिसका 28 में से 19 सदस्य देश इस्तेमाल करते हैं.