गांव की पंचायतों (Panchayat) का कहना है कि शराब (Liquor) के ठेके को लेकर उनके गांव में महिलाएं बहुत परेशान थीं. उनके घर में झगड़े रहते थे. युवा वर्ग (Youth) भी इसकी चपेट में आने लगा था. अब वे काफी खुश हैं कि उनके गांव से ठेके बाहर चले जाएंगे.
प्रदेश की 703 पंचायतों (Panchayat) ने रेज्यूलेशन भेज शराब (Liquor) के ठेके बंद करने में सहमति दी है. इसमें अंबाला जिले से 10 रेज्यूलेशन आए हैं. इस फैसले से गांव की महिलाएं ज्यादा खुश (Women happy) दिखाई दे रही हैं, लेकिन सरकार के इस फैसले में सहयोग की बजाए प्रदेश की जनता में जागरूकता (Awareness) की कमी देखने को मिली है. गौरतलब है कि हरियाणा (Haryana) के उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला (Dushyant Chautala) ने गांवों से ठेके बंद करवाने को लेकर पंचायतों से रेज्यूलेशन मांगे थे.
पूरे प्रदेश से मात्र 703 पंचायतों ने ही रेज्यूलेशन भेज ठेके उठवाने की मांग रखी है. यह आंकड़ा बहुत कम है. अंबाला जिला ने मात्र 10 रेज्यूलेशन भेजे.
गांव से ठेके बाहर चले जाएंगे
सरकार के इस फैसले से खुश दिख रही महिलाओं का कहना है कि उनके घर में उनके बच्चे, पति सभी शराब का सेवन करते हैं. रेज्यूलेशन भेजे जाने के बाद से अब उनके घर में झगड़ा नहीं होगा. महिलाओं ने साफ-साफ कहा कि उनके घरों में रोज-रोज इस मुद्दे को लेकर झगड़े हुआ करते थे. गांव की पंचायतों का कहना है शराब के ठेके को लेकर उनके गांव में महिलाएं बहुत परेशान थीं. उनके घर में झगड़े रहते थे. युवा वर्ग भी इसकी चपेट में आने लगा था. अब वे काफी खुश हैं कि उनके गांव से ठेके बाहर चले जाएंगे.