विद्युत वितरण विभाग में सबस्टेशन समेत अन्य स्थान पर लंबे अरसे से कार्यरत संविदा एवं ठेकाकर्मियों का बायोडाटा तैयार किया जा रहा है। कंपनी मुख्यालय से जानकारी मांगे जाने के बाद स्थानीय प्रबंधन ने कार्रवाई शुरू की है। संभावना जताई जा रही है कि राज्य शासन से संविदा कर्मियों को नियमित करने की प्रक्रिया तहत इन कर्मियों के संदर्भ में जानकारी ली जा रही है।
वितरण विभाग के सबस्टेशन का संचालन ठेका पद्धति से कराया जा रहा है। जिले के सभी सबस्टेशन में पिछले कई साल से ठेका मजदूर कार्यरत हैं। इसके साथ ही लाइन के मेंटेनेंस कार्य में संविदा व ठेकाकर्मी लगे हुए हैं। इन संविदा व ठेकाकर्मियों के संदर्भ में कंपनी मुख्यालय ने जानकारी मांगी है। कंपनी से जुड़े जानकारों का कहना है कि वितरण विभाग के अधीक्षण यंत्री को पत्र लिखकर ठेका श्रमिकों की जानकारी उपलब्ध कराने कहा गया है। इसके बाद विभाग के स्थानीय अधिकारी कर्मियों की जानकारी बनाने जुट गए हैंं। इसमें श्रमिकों के कार्य करने की अवधि, किस पद पर कार्यरत हैं समेत अन्य सभी प्रकार की जानकारी देने कहा गया है। डाटा कलेक्शन करने के बाद मुख्यालय भेजा जाएगा। जानकारों का कहना है कि राज्य सरकार ने लंबे अरसे से कार्यरत ठेका व संविदाकर्मियों को नियमित करने का योजना बनाई है और इसके तहत सभी विभागों से जानकारी ली जा रही है। विद्युत कंपनी ने भी इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाते हुए फिलहाल जानकारी मांगी है।
पावर प्लांट से नहीं दी गई जानकारी
विद्युत कंपनी के पावर प्लांट में कार्यरत संविदा व ठेकाकर्मियों की जानकारी कंपनी मुख्यालय ने मांगी थी, पर छह माह बीत जाने के बाद भी अब तक जानकारी नहीं भेजी गई है। इससे कर्मियों के मन में संशय की स्थिति उत्पन्न हो गई है कि उन्हें नियमित किया जाएगा अथवा नहीं। जानकारों का कहना है कि स्थानीय प्रबंधन टालमटोल की नीति अपना रहा है, ताकि कर्मियों को नियमित न किया जा सके।
नियमित नहीं मिल रहा वेतन
सबस्टेशन में कार्यरत कर्मियों को नियमित वेतन नहीं मिल रहा है। ठेका कंपनी इन्हें समय पर भुगतान नहीं कर रही है। इससे इन कर्मियों के समक्ष रोजी-रोटी की समस्या उत्पन्न हो रही है। बताया जा रहा है कि सबस्टेशन में कार्यरत ठेका श्रमिकों को फिर से दो महीने का वेतन नहीं मिला है। कर्मियों ने अधिकारियों से मुलाकात कर वेतन भुगतान कराने की मांग की थी।