शिक्षाविद डॉ. गजेंद्र तिवारी को आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र में शिक्षा के माध्यम से मानव संसाधन के विकास क्षेत्र में अनुकरणीय योगदान के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सम्मानित किया है। कोरबा व खासकर पाली विकासखंड आदिवासी बाहुल्य है। इस समुदाय में अब भी बड़ी संख्या में ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को जागरूक करने की जरूरत है, जिसके लिए उन्हें अधिक से अधिक शिक्षा से जोड़ना जरूरी है। इस जरूरत पर फोकस करते हुए वे वर्षों से अपने गुरु से मिले ज्ञान का विस्तार आदिवासी वर्ग की बेहतरी के लिए कर रहे हैं।
छत्तीसगढ़ पब्लिक हायर सेकेंडरी स्कूल पाली के प्राचार्य एवं डायरेक्टर डॉ. तिवारी को रायपुर में आयोजित एक कार्यक्रम में सम्मानित किया गया। इस अवसर पर प्रदेश के उच्च शिक्षामंत्री उमेश पटेल भी मौजूद रहे। डॉ. गजेंद्र तिवारी को आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र में शिक्षा के उत्कृष्ट कार्यों के लिए पूर्व में भी कई पुरस्कारों से नवाजा जा चुका है। डॉ. तिवारी के पुरस्कृत होने पर पाली क्षेत्र ही नहीं अपितु पूरा जिला गौरवान्वित हुआ है, साथ ही सभी अन्य शिक्षाविदों को आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र में इस तरह के कार्य के लिए प्रोत्साहित किया है। उनका कहना है कि जब तक आदिम जातियों को सुशिक्षित व सुसाक्षर नहीं कर लिया जाता, वे अपने अधिकारों व शासन की योजनाओं के लाभ लेने जागरूक नहीं बन सकेंगे। जीवन में कुछ करने या अपने लिए लक्ष्य निर्धारित करने जागरूकता जरूरी है और उसके लिए व्यक्ति का शिक्षित-साक्षर होना अनिवार्य है। यही वजह है जो अपने स्तर पर वे यथासंभव प्रयास में जुटे रहते हैं। उनके प्रयासों का फल उन्हें मुख्यमंत्री की ओर से प्रदत्त सम्मान के रूप में प्राप्त हुआ है, जो उन्हें अपनी मुहिम को और अधिक गति एवं वृहदता प्रदान करने हमेशा प्रोत्साहित करता रहेगा।