उफनते तीरथगढ़ जलप्रपात के नीचे फंसे रायपुर से आए सात सैलानियों को दरभा पुलिस की तत्परता से गुरुवार शाम बचा लिया गया। बारिश के बाद अचानक पानी बढ़ जाने से वे फंस गए थे। दो साल पहले भी छह लोगों को इसी तरह बचाया गया था।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार रायपुर के रूद्रधर देवता, कपिल नायक, रंजन दास, प्रवीण श्रीवास्तव, सुशांत दास, मौलिक साहू और एक अन्य युवक गुरुवार शाम पांच बजे तीरथगढ़ जलप्रपात के नीचे उतरे थे। इसी दौरान जोरों की बारिश होने लगी और प्रपात व मंदिर वाले टीला के बीच जल स्तर अचानक बढ़ गया। इसके चलते सभी सैलानी वापस नहीं लौट पाए। ओडिशा निवासी अपने रिश्तेदार जगन्नाथ पात्रो से फोन कर सैलानियों ने अपनी व्यथा बताई। पात्रो ने इस घटना की जानकारी जगदलपुर में रहने वाले अपने मित्रों के माध्यम से वन विभाग को दी। इसके चलते कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान के कर्मी कामानार चौकी और दरभा थाना के जवानों के साथ शाम सवा छह बजे तीरथगढ़ पहुंचे और रस्सी के सहारे सातों सैलानियों को साढ़े सात बजे सुरक्षित बाहर निकाल लिया।
दो साल पहले भी सेंट्रल बैंक के प्रबंधक परिवार के साथ तीरथगढ़ में अचानक पानी बढ़ने के कारण 16 घंटे तक वहां फंसे रहे। उन्हें भी रस्सी के सहारे निकाला गया था। इस घटना को लेकर शहर में चर्चा है कि जब शाम तीन बजे के बाद राष्ट्रीय उद्यान क्षेत्र में सैलानियों का प्रवेश बंद है, फिर वे देर शाम तक घाटी में कैसे रहे?



